रैली में हिंदुत्ववादियों द्वारा ‘महिषासुर के औलादों को जूते मारो सालों को’ कहना मंहगा पड़ा। कारण कि बस्तर के इलाके में स्थाई निवासियों के घर-घर में के नाम से महिषासुर (स्थानीय नाम भैंसासुर) की पूजा की जाती है। स्थानीय लोगों ने इस नारे को अपने ऊपर सांस्कृतिक हमला माना, और वे हिंदुत्ववादियों के सांस्कृतिक एकरूपीकरण के खिलाफ खड़े हुए