9 फरवरी को दिल्ली के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने दो टूक शब्दों में कहा था कि मतदाता सूची को लेकर फोन के जरिए भ्रम फैलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह तब कहा जब 7 फरवरी को फारवर्ड प्रेस ने एक रिपोर्ट प्रकाशित की। परंतु, अभी भी यह सिलसिला रुका नहीं है