बीते 24 सितंबर, 2021 को फारवर्ड प्रेस द्वारा प्रकाशित ‘गुलामगिरी’ का ऑनलाइन विमोचन किया गया। इस मौके पर आयोजित परिचर्चा में शामिल सभी वक्ताओं ने इस बात पर जोर दिया कि फुले की वैचारिकी मुक्तिकामी और प्रासंगिक है। इस कारण इसका प्रसार समग्र स्तर पर आवश्यक है। अरुण नारायण की रपट
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वेबिनार में कमलेश वर्मा ने सवाल उठाया कि दलित विमर्श का अछूत कही जाने वाली जातियों पर हो रहे अत्याचारों, शासन एवं सत्ता में राजनीतिक हिस्सेदारी तथा आरक्षण जैसे प्रश्नों तक सीमित रहना कहां तक उचित है। इमानुद्दीन की खबर
कोरोना लॉकडाउन के दौरान जेएनयू में रामायण और गीता पर वेबिनार का आयोजन किया गया। क्या यह जेएनयू की मुक्त वैचारिकी को खत्म कर इस शैक्षणिक संस्थान को हिंदू धर्म व उसके दर्शन तक सीमित करने की साजिश है? हालिया घटनाओं के मद्देनज़र नवल किशोर कुमार की रिपोर्ट
आमतौर पर आदिवासियों का नाम आते ही हमारे सामने विकास से वंचित लोगों की तस्वीर आ जाती है। लेकिन मध्यप्रदेश के बड़वानी जिले में 16 मई, 2013 को जो आदिवासी जमावड़ा हुआ उसका नजारा इस आम सोच के ठीक विपरीत था
On receiving the information about the event, more than 250 educated tribal youth from Madhya Pradesh, Gujarat, Maharashtra, Chhattisgarh and Jharkhand reached Badwani