‘वह हर चीज जो व्यक्तिगत है, वह राजनैतिक भी है,’ इस सूत्र वाक्य को आधुनिक युग में मान्यता मिलने के बहुत पहले ही पेरियार ने इसे लैंगिक समानता के अपने संघर्ष का आधार बनाया था। यही कारण है कि वे महिलाओं और पुरूषों को बराबर का भागीदार मानने वाले आत्मसम्मान विवाहों पर जोर देते थे, बता रही हैं दामिनी केन