सत्यशोधक परंपरा में महिला और पुरूष बराबर हैं। इसी परंपरा के तहत जोतीराव फुले ने सत्यशोधक विवाह की शुरूआत की थी। बीते 10 जून, 2020 को जोतीराव फुले-आंबेडकर को साक्षी मानकर, राहुल सावले और मौसमी चटर्जी आडंबर रहित तरीके से जीवन भर के लिए एक-दूसरे के हो गए