राजमार्ग रंगमच समूह के संस्थापक योगेश मास्टर उन मिथकों और अंधविश्वासों को बेनकाब कर रहे हैं, जो ब्राम्हणवादी दुष्प्रचार और भेदभाव का आधार हैं। इसके लिए उन्होंने कला और साहित्य को हथियार बनाया है। प्रस्तुत है फारवर्ड प्रेस द्वारा उनसे की गई बातचीत का संपादित अंश :