हाथरस में वाल्मीकि समाज की बलात्कार पीड़िता की मौत के बाद देश भर में आक्रोश को देखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार अपने स्तर पर वाल्मीकि जयंती मना रही है। इस मौके पर वह वाल्मीकि समाज की बस्तियों में रामायण का पाठ भी करवा रही है। इसके पीछे सरकार की मंशा क्या है, बता रहे हैं कँवल भारती
The Hathras horror brought the Yogi Adityanath government of Uttar Pradesh into disrepute and alienated the Valmiki community. Sensing a threat to the Hindutva project, the government has decided to officially celebrate Valmiki Jayanti, with a special focus on recitations of the Ramayana in Valmiki localities, writes Kanwal Bharti
भाजपा अपने दीर्घकालिक एजेंडे को आगे बढ़ा रही है। ऐसा लगता है कि भाजपा अपने पितृ संगठन आरएसएस की स्थापना के सौवें वर्ष (2025) में भारत को हिन्दू राष्ट्र के तौर पर घोषित करना चाहती है। बता रहे हैं रविकांत
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अनुराग मोदी बता रहे हैं कि यूपी में योगी सरकार एक खास धर्म के लोगों को इसलिए निशाना बना रही है क्योंकि वह 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव में जीत सुनिश्चित कर लेना चाहती है। यह बिल्कुल वैसा ही है जैसे गुजरात में मोदी-शाह की जोड़ी ने किया था
लेखक कंवल भारती बता रहे हैं कि एससी में शामिल जातियों के लिए तीन महत्वपूर्ण मानदंड हैं। इनमें गौमांस खाना, छुआछूत का शिकार होना और जिनका पौरोहित्य ब्राह्मण द्वारा नहीं किया जाना शामिल है
प्रयागराज पुलिस की स्पेशल क्राइम ब्रांच ने कुम्भ मेले में सफाईकर्मियों के लिए आवाज उठाने वाले सामाजिक कार्यकर्ता अंशु मालवीय और दिनेश को गिरफ्तार कर लिया। हालांकि जन दबाव के कारण उन्हेें देर रात रिहा कर दिया गया
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज (इलाहाबाद का परिवर्तित नाम) में कुम्भ का आगाज हो चुका है। योगी सरकार द्वारा इसे ‘दिव्य कुम्भ – भव्य कुम्भ’ का टैगलाइन दिया गया है। इसकी स्वच्छता के लिए हजारों सफाईकर्मी दिहाड़ी मजदूर के रूप में लाए गए हैं। लेकिन उनके लिए कोई व्यवस्था नहीं की गई है। ठंड लगने से अब तक चार सफाईकर्मियों की मौत भी हो चुकी है
हनुमान मंदिरों पर कब्जे का आह्वान करके भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर रावण ने अपनी क्रांतिकारी छवि पर कालिख पोत ली है। क्या वे इतना भी नहीं समझते कि दलितों को मंदिरों पर कब्जा नहीं बल्कि मंदिरों से मुक्ति चाहिए। कंवल भारती की प्रतिक्रिया :
उत्तर प्रदेश के बहराइच से भाजपा सांसद सावित्री बाई फूले ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा के लिए इसे बड़ा झटका माना जा रहा है। खास बात यह है कि उन्होंने 6 दिसंबर काे इस्तीफा दिया है। फॉरवर्ड प्रेस की रिपोर्ट :
भारतीय राजनीति में हनुमान शब्द एक प्रतीक के रूप में इस्तेमाल किया जाता रहा है। मसलन बिहार में कभी नीतीश लालू के हनुमान थे, तो आजकल अमित शाह को प्रधानमंत्री माेदी का हनुमान कहा जा रहा है। लेकिन योगी आदित्यनाथ ने हनुमान की जाति दलित बताकर पूरी राजनीति में उबाल ला दिया है। सिद्धार्थ का विश्लेषण :
Forward Press also publishes books on Bahujan issues. Forward Press books shed light on the widespread problems as well as the finer aspects of Bahujan (Dalit, OBC, Adivasi, Nomadic, Pasmanda) society, culture, literature and politics
राजस्थान में चुनाव प्रचार के दौरान उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हनुमान को दलित और आदिवासी कहा। ऐसा कहकर उन्होंने दलितों और आदिवासियों को हिंदूवादी मान्यताओं के साथ जोड़ने की कोशिश की, ताकि इन वर्गाें का वोट भाजपा को मिल सके। लेकिन, योगी का बयान केवल चुनाव तक सीमित नहीं है। बता रहे हैं सुशील मानव :