बिहार में त्रिवेणी संघ का गठन 1933 में हुआ। पिछड़े वर्गों के इस आंदोलन ने देखते ही देखते सभी शोषित वर्गों को अपने साथ ले लिया। फुले और दक्षिण के आंदोलनों से प्रेरित इस आंदोलन की आयु हालांकि केवल 9 वर्ष रही, परंतु इसका प्रभाव बिहार की राजनीति में आज भी विद्यमान है। बता रहे हैं मनीष रंजन