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द्रौपदी मुर्मू के अपमान से दलित-बहुजन आक्रोशित

सुर्खियों में रही नए संसद भवन से जुड़ी खबर के अलावा पढ़ें कि नीतीश कुमार द्वारा नीति आयोग की बैठक में शामिल नहीं होने के संबंध में बताए गए कारणों में जातिगत जनगणना का सवाल भी रहा। वहीं सतनामी समाज के लोग छत्तीसगढ़ से जंतर-मंतर गुरु पद के संबंध में चल रहे ऐतिहासिक विवाद...

द्रौपदी मुर्मू के अपमान से दलित-बहुजन आक्रोशित
सुर्खियों में रही नए संसद भवन से जुड़ी खबर के अलावा पढ़ें कि नीतीश कुमार द्वारा नीति आयोग की बैठक में शामिल नहीं होने...
राजदंड से राजशाही अनुभूति पाने का अनैतिक लोभ
संघी खेमा जो भी करता है, उसे महान साबित करने वाली कहानियों को विश्वसनीय बना कर लोगों तक पहुंचाने में कभी कोई कमी नहीं...
लोकतंत्र में ‘राजदंड’ का क्या काम?
नए संसद भवन का उद्घाटन प्रधानमंत्री करें या राष्ट्रपति, यह बड़ा सवाल नहीं है। इससे अधिक बड़ा सवाल नए संसद भवन में सेंगोल को...
सिद्दारमैया : शूद्र नेता, जिसने दिया आक्रामक हिंदुत्व को कड़ा जवाब
कर्नाटक के मतदाताओं को सिद्दारमैया की जनकल्याणकारी राजनीति और मोदी की ‘जय बजरंगबली’ मार्का सांप्रदायिक राजनीति में से एक को चुनना था और उसने...
दिल्ली : दलित घरेलू कामगार चाहिए, पर उनकी बस्ती नहीं
जिनके पास अपनी कोई ज़मीन नहीं है, ज़मीन ख़रीदने की हैसिअत नहीं है, वे सब ऐसे ही कहीं-न-कहीं डेरा डालकर रह लेते हैं। इनमें...
परमाणुवाद के जनक आजीवकों को जानें (अंतिम भाग)
आजीवक पृथ्वी, अग्नि, जल और वायु के अलावा पांचवे तत्व के रूप में ‘जीव’ की महत्ता को स्वीकारते हैं। लेकिन ‘जीव’ का तब तक...
सतनामी पंथ पर ब्राह्मण धर्म की (कु)छाया
सतनामी पंथ ब्राह्मणवाद को आज भी कड़ी चुनौती देता है। इन सबके बावजूद आज के समय में सतनामी पंथ माननेवाला समाज एक जाति-विशेष में...
आजीवकों के बारे में हिंदू व जैन धर्म ग्रंथों में क्या है?
वायुपुराण में एक जगह आजीवक दर्शन को ‘लोक’ का दर्शन बताया गया है। खासकर उनका जो शिल्प-कौशल के बल पर अपनी आजीविका चलाते थे।...
आजीवक दर्शन का बहुजन पक्ष (पहला भाग)
सिंधु सभ्यता से प्राप्त मुहरों और मूर्तिशिल्पों से देवी-देवताओं की जो आकृतियां सामने आई हैं, वैसी ही आकृतियां मगध और वैशाली के आसपास के...
हमारा रावेन रामायण का रावण नहीं : उषाकिरण आत्राम
हिंदुओं के रामायण का रावण हम गोंडी समुदाय के पुरखे रावेन से मेल नहीं खाता। मैं तो मानती हूं कि गोंडी सभ्यता का रावेन...
‘आलोकुठि’ में मारीचझांपी का जख्म भी, सियासत भी
इस देश में न जाने कितने जलियांवाला बाग़ कांड इतिहास की परतों में दफ्न हैं। ज़ाहिर है दशकों तक रहे वामपंथी शासन को इस...
दलित कवयित्री नीलम की प्रेमाभिव्यक्ति और स्त्री-मुक्ति की कामनाएं
डॉ. नीलम की ‘सबसे बुरी लड़की’ स्त्री-मुक्ति की प्रतीक है, वह उन तमाम बंधनों से मुक्त है, जो उसके स्वतंत्र विकास को अवरुद्ध करते...
पुस्तक समीक्षा : हिंदी पट्टी के दृष्टिकोण से पेरियार का विश्लेषण करती किताब
किताब के दो अध्याय बेहद खास हैं। एक, ‘स्त्री मुक्ति के संघर्ष में पेरियार का योगदान’ और दूसरा, ‘पेरियार और बुद्ध’। ओमप्रकाश कश्यप ने...
हेमलता महिश्वर की दलित चेतना पर प्रश्न चिन्ह लगातीं उनकी कविताएं
मीर बेखुदी के आलम में इस क़दर खो गए थे कि अपने आपमें लौटने का ही इंतज़ार करते रह गए। कुछ यही आलम कवियित्री...
सावित्रीनामा : एक क्रांतिकारी महिला की विरासत
इस पुस्तक के दूसरे भाग में सावित्रीबाई फुले द्वारा जोतीराव को भेजे गए पत्र हैं। इन पत्रों में जहां एक ओर दोनों का आपसी...
बुद्ध को जैसे आंबेडकर ने देखा
डॉ. आंबेडकर की दृष्टि में दलितों की सामाजिक उपेक्षा और अवमानना को ख़त्म करने हेतु जिस सामाजिक और वैचारिक बदलाव की आवश्यकता है, वह...
‘बेड़ियां, जो हमने तोड़ीं’ : दलित लेखिका बेबी कांबले की आत्मकथा
हम ऊपरी तौर पर दलितों के जीवन से कितनी भी सहानुभूति रख लें, लेकिन एक समुदाय के रूप में उनके जीवन ने जितनी वंचना...
बाबासाहब के संदर्भ में अपना नजरियां बदलें द्विज स्त्रियां
वर्तमान में स्त्री चिंतन की बात की जाए तो कहीं ना कहीं उच्च श्रेणी की स्त्रियां डॉ. आंबेडकर के चिंतन से कटी हुई दिखाई...
संग्रहणीय दस्तावेज ‘आंबेडकर इन लंदन’
‘एक कानूनविद के तौर पर आंबेडकर’ लेख मे विस्तारपूर्वक उनकी पढ़ाई और फिर भारत लौटने पर उनके कानूनी लड़ाई के विषय मे बताया गया...
पहुंची वहीं पे ख़ाक जहां का खमीर था
शरद यादव ने जबलपुर विश्वविद्यालय से अपनी राजनीति की शुरुआत की थी और धीरे-धीरे देश की राजनीति के केंद्र में आ गए। पिता ने...