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क्या सहिष्णुता हिंदू धर्म का प्रमुख हिस्सा है?

किसी को जान से मार देना ही मात्र हिंसा या असहिष्णुता नहीं होती, बल्कि किसी को समाज में सबसे नीच मानते हुए समाजच्युत कर देना भी असहिष्णुता मानी जाती है। यह तो सबसे घिनौना कृत्य माना जाना चाहिए। सवाल है कि जन्म से ही किसी को श्रेष्ठ या अधम माने जाने की वैचारिक-परिपाटी को...

क्या सहिष्णुता हिंदू धर्म का प्रमुख हिस्सा है?
किसी को जान से मार देना ही मात्र हिंसा या असहिष्णुता नहीं होती, बल्कि किसी को समाज में सबसे नीच मानते हुए समाजच्युत कर...
बिहार में गुंडा बैंक और जातिगत दबंगई की शिकार हुई दलित महिला
घटना के एक दिन पहले दलित समुदाय की पीड़िता ने आरोपी प्रमोद सिंह यादव द्वारा हमला किए जाने की बाबत सूचना स्थानीय पुलिस को...
मनोज झा ने किया संसद में ‘ठाकुर का कुआं’ का पाठ, बिहार के राजपूत नेताओं ने खोला मोर्चा
मनोज झा के कविता पाठ से राजपूतों का स्‍वाभिमान आहत नहीं हुआ है, बल्कि राजपूत वोटों में दरार बढ़ने की आशंका बढ़ गयी है।...
आंबेडकर के घर में विश्वकर्मा की पूजा के पीछे क्या है ब्राह्मणों की मंशा?
आंबेडकर विचार मंच के महासचिव आर.एल. केन ने संबंधित अधिकारियों को पत्र लिखकर कार्रवाई करने की मांग की है। आर.एल. केन का आरोप है...
जाति, सामाजिक अन्याय और सनातन धर्म
सनातन धर्म के बारे में उदयनिधि स्टालिन का हालिया बयान वास्तव में एक आइना है, जिसमें हिंदू धर्म की ‘सनातनता’ यानी समय के साथ...
पूर्व-औपनिवेशिक भारत में व्यापारी जातियों का उभार और हिंदूपन का उदय
मारवाड़ के व्यापारी वर्ग ने अन्य वर्गों, जिनका राजदरबारों के नेतृत्व का दावा और कमज़ोर था – जैसे ब्राह्मण – के साथ मिलकर, राज्य...
मोमिन तहरीक : स्वतंत्रता आंदोलन के दौर में पसमांदा मुसलमानों का आंदोलन
यह ध्यान देने की बात है कि जब पिछड़े और दलित मुसलमानों में एक नई बेदारी पैदा हो रही थी, तभी मुहम्मद अली जिन्ना...
‘मामन्नान’ : जाति की सच्चाई और उससे निपटने का तरीका बताती फिल्म
मामन्नान को अक्सर पहाड़ की चोटी पर दिखाया जाता है। साधारण व्यक्ति से विधायक और फिर विधानसभा अध्यक्ष बनने की उसकी यात्रा का यह...
पूर्वांचल के दलित-बहुजन कर रहे ब्रह्मभोज का बहिष्कार
जौनपुर जिले के निवासी और मडियाहूं के पूर्व प्रखंड प्रमुख, सामाजिक कार्यकर्ता लाल प्रताप यादव ने भी एक अरसे से ब्रह्मभोज के ख़िलाफ मुहिम...
साक्षात्कार : नेपाल में हम मांग रहे आबादी के अनुपात में दलित, आदिवासी और ओबीसी की हिस्सेदारी
जबसे नेपाल में लोकतंत्र की स्थापना हुई है, इसके बाद ब्राह्मणवाद के खिलाफ आवाजों का उठना शुरू हो गया है। इसी के तहत वहां...
शिवनाथ चौधरी ‘आलम’ : दलित-बहुजन विमर्श के अनूठे गजलकार
सही मायने में आलम की सोच में आंबेडकर की विरासत गूंजती है। वह आंबेडकर की तरह ही उस सियासत के कट्टर आलोचक हैं, जो...
बहुजन धारा और दिनेश कुशवाह की कविताएं (अंतिम भाग)
निस्संदेह, मुख्यधारा के इतिहासकारों ने अत्याचारियों और हत्यारों को नायक बनाया है। रामायण में भी नायक बहेलिया है, अपने प्रेम के लिए बलिदान देने...
बहुजन धारा और दिनेश कुशवाह की कविताएं (पहला भाग)
दिनेश कुशवाह की कविता-यात्रा का विकास संकलन की दूसरी कविता ‘पिता की चिता जलाते हुए’ से होता है। यह कविता संवेदना के स्तर पर...
एक दलित बस्ती की कथा – कैथ का पेड़ (अंतिम भाग)
एक दिन मैंने देखा कि कारखाने के अंदर एक कारीगर मुर्गा बना हुआ है और उसके ऊपर दो ईंटें रखी हुई हैं। मैं उस...
हरिशंकर परसाई : विचारधाराओं को कसौटी पर कसनेवाले व्यंग्यकार
हरिशंकर परसाई के लेखन का कैनवास बहुत बड़ा था। विचारों से वे वामपंथी थे, लेकिन जब वे सामाजिक-राजनीतिक विसंगतियों पर लिखते थे, तो किसी...
पेरियार : काशी में अपमान से तमिलनाडु में आत्मसम्मान आंदोलन तक
पेरियार कहते थे कि वंचितों को ठगने का काम मत करो, क्योंकि जो वैज्ञानिक विचारधारा है, जो विज्ञान को बढ़ाने वाली विचारधारा है, जो...
रामस्वरूप वर्मा : उत्तर भारत के आंबेडकर सरीखे नायक
आंबेडकर की तरह रामस्वरूप वर्मा के लेखन में धर्मशास्त्र और जातिवाद की तीखी आलोचना निहित है। वे जोर देकर कहते हैं कि ब्राह्मणवाद में...
मुकुंदराव पाटील : एक अद्वितीय सत्यशोधक, जिनकी लेखनी में थी तेज धार
राष्ट्रवादी जनांदोलन जोर पकड़ रहा था और उसकी सोच को विभिन्न मुद्रित प्रकाशन लोगों तक पहुंचा रहे थे। लेकिन एक छोटे-से परिवार का एक...
जानिए, बिहार को मद्रास क्यों बना देना चाहते थे जगदेव प्रसाद?
संसोपा से अलग होने के बाद समाज के नब्बे प्रतिशत शोषितों का निछक्का दल बनाने के लिए जगदेव प्रसाद आगे बढ़ते हैं। सबसे पहले...
जगदेव प्रसाद की शहादत का निहितार्थ
जगदेव प्रसाद की जब हत्या की गई तब वे दो बार विधायक और तीन सरकारों में मंत्री रह चुके थे। बड़े कद के राजनीतिक...