h n

सवाल मछुआरा महिलाओं की भागीदारी का

जब तक हम जाति-आधारित उत्पादन व्यवस्था और जेंडर के सवाल को एक-दूसरे से जोड़ कर विश्लेषण नहीं करेंगे तब तक जाति, लिंग भाव और उत्पादन व्यवस्था में ब्राह्मणवाद कैसे घुसा है, समझ ही नहीं पाएंगे। समझ नहीं पाएंगे कि आरएसएस और ब्राह्मणवादी लोग ओबीसी जातियों के पेट की नली को कहां और कैसे दबाते...

बिहार में भाजपा : कुर्मी के बजाय भूमिहार के माथे पर ताज की रणनीति
ललन सिंह जब अकड़-अकड़ कर मोकामा को अनंतमय कर देने और विरोधी वोटरों को घरों में बंद कर देने की बात कर रहे थे...
राहुल गांधी और एक दलित छात्र के बीच बातचीत
बिहार का अच्छा होना या देश का अच्छा होना तब तक हमारे लिए कोई मायने नहीं रखता जब तक हमारा समाज आगे नहीं बढ़ेगा,...
झारखंड उप चुनाव : जनता के हितों की नहीं, नेताओं की प्रतिष्ठा की लड़ाई
घाटशिला में भाजपा के पास एक मुद्दा यह था कि वह झामुमो के वंशवाद पर आक्रमण करती, लेकिन चंपई सोरेन के पुत्र को मैदान...
उत्तर प्रदेश : खाद के लिए किसानों से कागज मांग रही सरकार
सरकार का कहना है कि स्थानीय साधन सहकारी समिति में नामांकन करवाकर सदस्य बनने पर कृषक कार्ड मिलेगा। जिनके पास यह कार्ड होगा वही...
सवर्ण या गैर-सवर्ण का होगा राज, तय करेगा बिहार, लेकिन सवाल और भी हैं
जदयू की दिख रही संगठनात्मक कमज़ोरी और नीतीश कुमार की ढलती उम्र को भाजपा अपने लिए अवसर के रूप में देख रही है। भाजपा...
सवाल मछुआरा महिलाओं की भागीदारी का
जब तक हम जाति-आधारित उत्पादन व्यवस्था और जेंडर के सवाल को एक-दूसरे से जोड़ कर विश्लेषण नहीं करेंगे तब तक जाति, लिंग भाव और...
आदिवासियों की शहादत और अकीदत की नगरी रांची में चौदह दिन
सरकार ने जेल को बिरसा मुंडा संग्रहालय और मेमोरियल पार्क में तब्दील कर दिया है। अंदर दाखिल होने के लिए पचास रुपए का टिकट...
सोहराय पर्व : प्रकृति, पशु और संस्कृति का अद्भुत आदिवासी उत्सव
सोहराय पर्व की परंपरा अत्यंत प्राचीन मानी जाती है। इसकी जड़ें मानव सभ्यता के उस युग से जुड़ी हैं जब मनुष्य ने खेती-बाड़ी और...
रामेश्वर अहीर, रामनरेश राम और जगदीश मास्टर के गांव एकवारी में एक दिन
जिस चौराहे पर मदन साह की दुकान है, वहां से दक्षिण में एक पतली सड़क जाती है। इस टोले में कोइरी जाति के लोग...
‘होमबाउंड’ : दमित वर्गों की व्यथा को उजागर करता अनूठा प्रयास
नीरज घेवाण और उनकी टीम ने पत्रकार बशारत पीर द्वारा लिखित और ‘न्यूयार्क टाइम्स’ में प्रकाशित एक सच्ची कहानी के आधार पर एक शानदार...
अशराफ़िया अदब को चुनौती देती ‘तश्तरी’ : पसमांदा यथार्थ की कहानियां
तश्तरी, जो आमतौर पर मुस्लिम घरों में मेहमानों को चाय-नाश्ता पेश करने, यानी इज़्ज़त और मेहमान-नवाज़ी का प्रतीक मानी जाती है, वही तश्तरी जब...
वर्तमान परिप्रेक्ष्य में दलित साहित्य
दलित साहित्य के सौंदर्यशास्त्र का विकास दलित समाज, उसकी चेतना, संस्कृति और विचारधारा पर निर्भर करता है, जो एक लंबी प्रक्रिया में होते हुए...
बानू मुश्ताक की कहानियों में विद्रोही महिलाएं
सभी मुस्लिम महिलाओं को लाचार और बतौर वस्तु देखी जाने वाली बताने की बजाय, लेखिका हमारा परिचय ऐसी महिला किरदारों से कराती हैं जो...
योनि और सत्ता पर संवाद करतीं कविताएं
पितृसत्ता की जड़ें समाज के हर वर्ग में अत्यंत गहरी हो चुकी हैं। फिर चाहे वह प्रगतिशीलता के आवरण में लिपटा तथाकथित प्रगतिशील सभ्य...
रोज केरकेट्टा का साहित्य और उनका जीवन
स्वभाव से मृदु भाषी रहीं डॉ. रोज केरकेट्टा ने सरलता से अपने लेखन और संवाद में खड़ी बोली हिंदी को थोड़ा झुका दिया था।...
गिरते स्वास्थ्य के बावजूद नागपुर और चंद्रपुर के बाद बंबई में दीक्षा कार्यक्रम में भाग लेना चाहते थे बाबा साहब
बाबा साहब आंबेडकर ने अपने स्वास्थ्य को दांव पर लगा कर किताबें क्यों लिखीं? उन्होंने ऐसे अनेक कार्यक्रमों में भाग क्यों लिया जिनमें बड़ी...
वायकोम सत्याग्रह : सामाजिक अधिकारों के लिए पेरियार का निर्णायक संघर्ष
गांधी, पेरियार को भी वायकोम सत्याग्रह से दूर रखना चाहते थे। कांग्रेस गांधी के प्रभाव में थी, किंतु पेरियार का निर्णय अटल था। वे...
बी.पी. मंडल का ऐतिहासिक संबोधन– “कोसी नदी बिहार की धरती पर स्वर्ग उतार सकती है”
औपनिवेशिक बिहार प्रांत में बाढ़ के संदर्भ में कई परामर्श कमिटियां गठित हुईं। बाढ़ सम्मलेन भी हुए। लेकिन सभी कमिटियों के गठन, सम्मलेन और...
जब महामना रामस्वरूप वर्मा ने अजीत सिंह को उनके बीस हजार का चेक लौटा दिया
वर्मा जी अक्सर टेलीफोन किया करते थे। जब तक मैं उन्हें हैलो कहता उसके पहले वे सिंह साहब नमस्कार के द्वारा अभिवादन करते थे।...
जब हमीरपुर में रामस्वरूप वर्मा जी को जान से मारने की ब्राह्मण-ठाकुरों की साजिश नाकाम हुई
हमलोग वहां बस से ही गए थे। विरोधियों की योजना यह थी कि वर्मा जी जैसे ही बस में चढ़ें, बस का चालक तेजी...