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Kanwal bharti
हिंदी पट्टी बनाम हिंदू पट्टी
कंवल भारती
अपने आलेख में बद्री नारायण ने यह नहीं लिखा कि यह प्रक्रिया क्रांति और प्रतिक्रांति की रही है,...
शिवनाथ चौधरी ‘आलम’ : दलित-बहुजन विमर्श के अनूठे गजलकार
कंवल भारती
सही मायने में आलम की सोच में आंबेडकर की विरासत गूंजती है। वह आंबेडकर की तरह ही उस...
बहुजन धारा और दिनेश कुशवाह की कविताएं (अंतिम भाग)
कंवल भारती
निस्संदेह, मुख्यधारा के इतिहासकारों ने अत्याचारियों और हत्यारों को नायक बनाया है। रामायण में भी नायक बहेलिया है,...
बहुजन धारा और दिनेश कुशवाह की कविताएं (पहला भाग)
कंवल भारती
दिनेश कुशवाह की कविता-यात्रा का विकास संकलन की दूसरी कविता ‘पिता की चिता जलाते हुए’ से होता है।...
एक दलित बस्ती की कथा – कैथ का पेड़ (अंतिम भाग)
कंवल भारती
एक दिन मैंने देखा कि कारखाने के अंदर एक कारीगर मुर्गा बना हुआ है और उसके ऊपर दो...
अरुण शौरी से बिबेक देबराय तक : संविधान के विरोध का निहितार्थ
कंवल भारती
बीसवीं सदी के अंतिम दशक में जब मंदिर का उन्माद जोरों पर वातावरण में फैला हुआ था, और...
एक दलित बस्ती की कथा कैथ का पेड़ (सातवां भाग)
कंवल भारती
डॉ. आंबेडकर का मत था कि किसी भी जाति के लोग अपनी इच्छा से जूठन और मरे हुए...
एक दलित बस्ती की कथा : कैथ का पेड़ (छठा भाग)
कंवल भारती
हमारी बस्ती जैसी गंदगी, गरीबी और नारकीय स्थिति रामपुर के हिंदूवाड़ा में नहीं थी। क्या गरीबी का कारण...
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