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Kanwal bharti
ऊंची जातियों के लोग क्यों चाहते हैं भारत से लोकतंत्र की विदाई?
कंवल भारती
कंवल भारती बता रहे हैं भारत सरकार के सीएए कानून का दलित-पसमांदा संदर्भ। उनके मुताबिक, इस कानून से...
1857 के विद्रोह का दलित पाठ
कंवल भारती
सिपाही विद्रोह को भारत का पहला स्वतंत्रता संग्राम कहने वाले और अखंड हिंदू भारत का स्वप्न देखने वाले...
व्याख्यान : समतावाद है दलित साहित्य का सामाजिक-सांस्कृतिक आधार
कंवल भारती
जो भी दलित साहित्य का विद्यार्थी या अध्येता है, वह इस निष्कर्ष पर पहुंचे बगैर नहीं रहेगा कि...
जातिवादी व सांप्रदायिक भारतीय समाज में लोकतंत्र सफल नहीं हो सकता
कंवल भारती
डॉ. आंबेडकर को विश्वास था कि यहां समाजवादी शासन-प्रणाली अगर लागू हो गई, तो वह सफल हो सकती...
In Dev Bhumi, enactment of UCC topped off with Haldwani violence
Kanwal bharti
Hindutva was first invoked in this Dev Bhumi in 1994 – when it was still a part of...
उत्तर प्रदेश में राम के बाद कल्कि के नाम पर एक और धार्मिक ड्रामा शुरू
कंवल भारती
एक भगवाधारी मठाधीश ने हमारे प्रधानमंत्री को कल्कि भगवान के मंदिर के लिए भूमि-पूजन का न्यौता दिया, और...
हल्द्वानी सांप्रदायिक हिंसा : तुम्हीं गवाह, तुम्हीं कातिल और तुम्हीं मुंसिफ!
कंवल भारती
इस देव-भूमि में हिंदुत्व की पहली चिंगारी 1994 में, जब वह उत्तर प्रदेश का अंग था, पिछड़ी जातियों...
व्याख्यान : वैकल्पिक धारा प्रतिक्रांति की धारा है
कंवल भारती
समय की सूई सदैव आगे की ओर चलती है। वह पीछे की दिशा में नहीं लौटती। किंतु भारत...
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