जो भी दलित साहित्य का विद्यार्थी या अध्येता है, वह इस निष्कर्ष पर पहुंचे बगैर नहीं रहेगा कि ये तीनों चीजें श्रम, स्वप्न और संघर्ष दलित संस्कृति का एक अनिवार्य हिस्सा है। श्रम, स्वप्न और...
कवि गोपाल प्रसाद मतिया के हवाले से कहते हैं कि इंद्र और तमाम हिंदू देवी-देवता सामंतों के तलवार हैं, जिनसे ऊंची जातियों के लोग शूद्रों का सिर काटते हैं और शूद्र स्त्रियों को गुड़िया (एक...
बीते 19 दिसंबर, 2023 को बिहार के प्रसिद्ध जन-गीतकार नचिकेता का निधन हो गया। उनकी स्मृति में एक शोकसभा का आयोजन किया गया, जिसे वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. रामवचन राय सहित अनेक वक्ताओं ने संबोधित किया।...
निर्गुण सगुण से परे क्या है? इसका जिक्र कर्मेंदु शिशिर ने नहीं किया। कबीर जो आंखिन-देखी कहते हैं, वह निर्गुण में ही संभव है, सगुण में नहीं। सगुण और निर्गुण उसी तरह के दो अलग-अलग...