h n

विदेश में रहने वाले से विवाह

मुझे यह नहीं पता कि तुम ये पुस्तिकाएं कहां से प्राप्त कर सकती हो परंतु यह सुनिश्चित करना कि तुम और तुम्हारे अभिभावक, प्रवासी भारतीय मंत्रालय द्वारा प्रकाशित एक पुस्तिका जिसका शीर्षक है 'क्या आप अपनी लड़की की शादी किसी अप्रवासी भारतीय से करने की सोच रहे हैं?' ढूंढ निकालो और उसे ध्यान से पढ़ो

प्रिय दादू,

आपको यह जानकर आश्चर्य मिश्रित खुशी होगी कि मेरे एक अंकल, से मेरे वैवाहिक संबंध के लिए, एक ऐसे परिवार ने संपर्क स्थापित किया है, जिसका लड़का अमेरिका में रहता है। मुझे नहीं पता कि इस खबर से मुझे रोमांचित होना चाहिए या आशंकाग्रस्त, खुश होना चाहिए या परेशान। एक ओर मुझे लगता है कि विदेश में रहना बहुत मजेदार होगा (यद्यपि मैं वहां की जिंदगी के बारे में जो मैंने टीवी और फिल्मों में देखा है, उससे ज्यादा कुछ नहीं जानती)। दूसरी ओर, मुझे यह सोचकर बुरा लग रहा है कि मैं अपने परिचितों से इतनी दूर चली जाऊंगी। आप इस बारे में क्या सोचते हैं?

सप्रेम,
अनुष्का

प्रिय अनुष्का,

यह एक शानदार खबर है। अगर तुम दोनों एक दूसरे को पसंद न भी करो या किसी और कारण से मामला आगे न बढ़ पाए, तब भी मुझे इस बात की प्रसन्नता है कि कम से कम ऐसा प्रस्ताव आया तो! तुम ठीक कहती हो कि विदेश में रहने वाले किसी व्यक्ति से शादी करने के फायदे और नुकसान दोनों हैं।

निस्संदेह, विदेश में रहना मजेदार हो सकता है- वहां तुम ज्यादा स्वतंत्र रहोगी और तुम्हें ज्यादा अवसर भी मिलेंगे। सामान्यत:, विदेशों में जीवनस्तर हमारे देश से बेहतर है, वहां का वातावरण अधिक साफ-सुथरा व कम तनावपूर्ण है और वहां बच्चों के लालन-पालन की बेहतर सुविधाएं उपलब्ध हैं। यद्यपि यह भी सही है कि वहां रहने वालों के लिए बच्चों को उनके देश व उसकी संस्कृति से जोड़े रखना एक बड़ी चुनौती होती है। स्वाभाविकत:, जब तुम विदेश में रहोगी तब तुम्हारे पास थोड़ा ज्यादा पैसा होगा और तुम समय-समय पर भारत आकर अपने दोस्तों और रिश्तेदारों से मिल सकोगी। परंतु यह भी सच है कि तुम्हारे समय पर बहुत दबाव होगा क्योंकि विदेशों में जिंदगी की रफ़्तार हमारे देश की तुलना में कहीं तेज है।

दूसरी बात यह कि जब तुम वहां पहुंचोगी तो लगभग छह महीने तक तो बहुत खुश और रोमांचित रहोगी। तुम्हें नई चीजें देखने और करने को मिलेंगी। परंतु इसके बाद, धीरे-धीरे, तुम्हें घर की याद सताने लगेगी। अपने मित्रों और रिश्तेदारों से दूर रहना तुम्हें खलने लगेगा। नयापन जल्द ही खत्म हो जाएगा और तुम उदास रहने लगोगी। सौभाग्यवश, इन दिनों टेलीफोन और स्काईप के जरिए बातचीत सस्ती और आसान हो गई है और इस कारण जब भी तुम्हें घर की याद आए, तुम घरवालों या अपने दोस्तों से बात कर सकती हो। परंतु याद रखो, स्थानीय मित्रों का कोई विकल्प नहीं है।

इसलिए, यदि तुम और तुम्हारे अभिभावक इस प्रस्ताव को स्वीकार करते हैं तो तुम्हारे लिए यह आवश्यक होगा कि जिस देश में तुम जाओगी, वहां स्थानीय मित्र बनाने की तैयारी करो। इसका अर्थ होगा कि तुम्हें अपनी अंग्रेजी, विशेषकर बोलचाल की अंग्रेजी, को इतना सुधारना होगा कि तुम स्थानीय लोगों से मित्रता कर सको। मैं यह मानकर चल रहा हूं कि तुम किसी ऐसे देश में जाओगी जहां की मुख्य परंतु अगर तुम किसी ऐसे देश में जा रही हो जिसकी मूलभाषा कोई दूसरी है तो बेहतर यह होगा कि तुम अंग्रेजी के अलावा उस स्थानीय भाषा को भी सीख लो। स्थानीय भाषा की जानकारी, मित्र बनाने के लिए तो जरूरी है ही, वह इसलिए भी जरूरी है ताकि तुम शहर में भटक जाने पर किसी से रास्ता पूछ सको या स्थानीय अधिकारियों से बातचीत कर सको। अंग्रेजी का ज्ञान इसलिए जरूरी है क्योंकि वह अंतर्राष्ट्रीय भाषा है।

यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि विदेशों में रहने वाले भारतीय, केवल भारतीयों से संपर्क-संबंध रखते हैं। कुछ हद तक यह स्वभाविक और आवश्यक है क्योंकि दूसरे राष्ट्रों के लोग हमारी परंपराओं और रीति-रिवाजों से वाकिफ नहीं होते और सांस्कृतिक विभिन्नताओं के कारण, हमें एक दूसरे को समझना मुश्किल होता है। दूसरी ओर, स्थानीय लोगों से दोस्ती हमें रोमांच तो देती ही है उससे हमें कई नई चीजें सीखने को भी मिलती हैं। हमें यह भी पता चलता है कि वहां हमारे लिए कौन-से नए मौके उपलब्ध हैं।

ऊपर दी गई बातों में से अधिकांश उन दोनों ही स्थितियों में लागू होती हैं जब तुम अकेले या पत्नी के रूप में विदेश जाओ। अगर तुम वहां रहने वाले किसी व्यक्ति की पत्नी के रूप में वहां जा रही हो तो तुम्हें यह जान लेना चाहिए कि तुम्हें कुछ समय तक वहां काम करने की
इजाजत नहीं होगी। तुम्हें इसके लिए सक्षम अधिकारी से अनुमति लेनी होगी और जब तक तुम स्थानीय भाषा नहीं सीख लेती तब तक तुम्हें कोई काम मिलने की संभावना बहुत कम होगी।

तुम्हें यह भी ज्ञात होगा कि दुर्भाग्यवश, विदेशों में रहने वाले पतियों द्वारा अपनी पत्नियों को छोड़ देने की घटनाएं आम हैं। बल्कि ये इतनी आम हैं कि हमारे देश के प्रवासी भारतीय मामले के मंत्रालय ने इस तरह की परिस्थितियों से निपटने के लिए पुस्तिकाओं का प्रकाशन किया है। मुझे यह नहीं पता कि तुम ये पुस्तिकाएं कहां से प्राप्त कर सकती हो परंतु यह सुनिश्चित करना कि तुम और तुम्हारे अभिभावक, प्रवासी भारतीय मंत्रालय द्वारा प्रकाशित एक पुस्तिका जिसका शीर्षक है ‘क्या आप अपनी लड़की की शादी किसी अप्रवासी भारतीय से करने की सोच रहे हैं?’ ढूंढ निकालो और उसे ध्यान से पढ़ो। इसमें अप्रवासी भारतीयों (अर्थात् वे भारतीय नागरिक जो विदेश में रहते हैं) से विवाह के पूर्व बरती जाने वाली सावधानियों और कोई समस्या उत्पन्न होने पर उपलब्ध कानूनी प्रावधानों के बारे में बताया गया है। इसमें यह भी बताया गया है कि समस्या की स्थिति में किससे संपर्क स्थापित करना चाहिए। तुम भारतीय दूतावास या किसी महिला संगठन के जरिए यह पुस्तिका प्राप्त कर सकती हो। मुझे खेद है कि मैं इस तरह की नकारात्मक संभावनाओं के बारे में बात कर रहा हूं परंतु यह याद रखो कि जहां हमें सब कुछ अच्छा होने की उम्मीद करनी चाहिए वहीं हमें सबसे बुरे के लिए तैयार भी रहना चाहिए। तुम्हारे मामले में मैं केवल यह आशा ही नहीं करूंगा कि सब कुछ ठीक-ठाक रहे बल्कि मैं ईश्वर से यह प्रार्थना भी करूंगा कि तुम चाहे देश में रहने वाले किसी भारतीय से शादी करो या विदेश में रहने वाले से, तुम्हारे सपने और तुम्हारी महत्वाकाक्षाएं पूरी हों, जैसा कि तुम्हारे नाम से जाहिर है।

सप्रेम,

दादू

 

(फारवर्ड प्रेस के जुलाई, 2014 अंक में प्रकाशित)


फारवर्ड प्रेस वेब पोर्टल के अतिरिक्‍त बहुजन मुद्दों की पुस्‍तकों का प्रकाशक भी है। एफपी बुक्‍स के नाम से जारी होने वाली ये किताबें बहुजन (दलित, ओबीसी, आदिवासी, घुमंतु, पसमांदा समुदाय) तबकों के साहित्‍य, सस्‍क‍ृति व सामाजिक-राजनीति की व्‍यापक समस्‍याओं के साथ-साथ इसके सूक्ष्म पहलुओं को भी गहराई से उजागर करती हैं। एफपी बुक्‍स की सूची जानने अथवा किताबें मंगवाने के लिए संपर्क करें। मोबाइल : +919968527911, ईमेल : info@forwardmagazine.in

लेखक के बारे में

दादू

''दादू'' एक भारतीय चाचा हैं, जिन्‍होंने भारत और विदेश में शैक्षणिक, व्‍यावसायिक और सांस्‍कृतिक क्षेत्रों में निवास और कार्य किया है। वे विस्‍तृत सामाजिक, आर्थिक और सांस्‍कृतिक मुद्दों पर आपके प्रश्‍नों का स्‍वागत करते हैं

संबंधित आलेख

प्यार आदिवासियत की खासियत, खाप पंचायत न बने आदिवासी समाज
अपने बुनियादी मूल्यों के खिलाफ जाकर आदिवासी समाज अन्य जाति, धर्म या बिरादरी में विवाह करने वाली अपनी महिलाओं के प्रति क्रूरतापूर्ण व्यवहार करने...
कामकाजी महिलाओं का यौन उत्पीड़न
लेखक अरविंद जैन बता रहे हैं कि कार्यस्थलों पर कामकाजी महिलाओं की सुरक्षा के लिए कानूनों में तमाम सुधारों के बावजूद पेचीदगियां कम नहीं...
सभी जातियों के नौजवान! इस छोटेपन से बचिये
हिंदी के ख्यात साहित्यकार रामधारी सिंह ‘दिनकर’ कहते हैं कि जो आदमी अपनी जाति को अच्‍छा और दूसरी जाति काे बुरा मानता है वह...
विदेश में बसने के लिए व्यक्तित्व परिवर्तन आवश्यक
विदेश में रहने से जहां एक ओर आगे बढऩे की अपार संभावनाएं उपलब्ध होती हैं वहीं कठिन चुनौतियों का सामना भी करना पड़ता है।...
कभी घर से अपने जीवनसाथी से नाराज होकर मत निकलिए
जब अलग-अलग पृष्ठभूमियों के दो लोगों में विवाह होता है तब उनके बीच मतविभिन्नता और मतभेद होने स्वाभाविक हैं। जरूरत इस बात की है...