फुले और आंबेडकर द्वारा एक साथ मिलकर राष्ट्रीय ध्वज फहराने का यह चित्र, हमारे देश में 75 साल तक लोकतंत्र के बचे रहने और उस संविधान और ध्वज का प्रतिनिधित्व करता है, जिन्हें उन्होंने हमें दिया था। इस अवसर पर हम यह शपथ लेते हैं कि हम दुनिया की किसी भी ताकत को इस संविधान, हमारे तिरंगे और उन लोकतांत्रिक संस्थाओं, जिन्हें हमने अपने खून-पसीने से खड़ा किया है, को नष्ट नहीं करने देंगे। पढ़ें, कांचा इलैया शेपर्ड का यह आलेख