–
हाल ही में आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट द्वारा की गई टिप्पणी कि कितनी पीढ़ियों तक जारी रहेगा आरक्षण, के संदर्भ में कांचा इलैया शेपर्ड का पक्ष
सन् 1931 की जनगणना के अनुसार, शूद्र आबादी का लगभग 52 प्रतिशत थे और दलित 18 प्रतिशत। वैश्यों, क्षत्रियों और ब्राह्मणों की कुल आबादी लगभग सात प्रतिशत थी। शेष आबादी मुसलमानों, सिक्खों, ईसाईयों और आदिवासियों की थी। आज भी देश की कृषि को शूद्र और दलित ही संभाल रहे हैं। कांचा इलैया शेपर्ड द्वारा संपादित नई किताब में उनके लेख ‘शूद्रज एंड डेमोक्रेटिक इंडिया’ का एक अंश
कांचा आइलैया शेफर्ड बता रहे हैं कि क्यों संघ-भाजपा जेएनयू जैसे समाज-विज्ञान के उच्च शिक्षा संस्थाओं का विनाश करना चाहते हैं, उनका यह भी कहना है कि जिस दिन विश्वविद्यालय ढह जाएंगे, उसी दिन देश में प्रजातंत्र, अर्थव्यवस्था और आधुनिक सामाजिक प्रणाली के ढहने की शुरुआत भी हो जाएगी. हम मध्यकाल में वापस चले जाएंगे
Forward Press also publishes books on Bahujan issues. Forward Press books shed light on the widespread problems as well as the finer aspects of Bahujan (Dalit, OBC, Adivasi, Nomadic, Pasmanda) society, culture, literature and politics
ट्विटर के सीईओ जैक डोरसे की आलोचना करने वाले वही हैं जो सबरीमाला मंदिर में माहवारी महिलाओं के प्रवेश पर प्रतिबंध के समर्थक हैं। आखिर पुरूष का शुक्राणु पवित्र और महिलाओं का अंडाणु अपवित्र क्यों? एक तरफ तालिबानी पितृसत्ता का विरोध और दूसरी ब्राह्मणवादी पितृसत्ता से प्रेम। कांचा आयलैया शेफर्ड का विश्लेषण :
शूद्र, ओबीसी, दलितों और आदिवासियों के इतिहास, संस्कृति और जीवित अनुभवों के बारे में जानने के लिए कोई पूर्व लिखित ग्रंथों पर निर्भर नहीं हो सकता। वेद, रामायण और महाभारत जैसे महाकाव्य तथा कौटिल्य और मनु का लेखन इन लोगों के ज्ञान को प्रतिबिंबित नहीं करता है। बता रहे हैं कांचा आयलैया शेफर्ड :
When the atrocities against SCs and STs are on the rise, should the Act that is meant to prevent those atrocities be weakened – even if the argument for doing so is that the Act is being misused? Kancha Ilaiah Shepherd analyzes the ramifications of the Supreme Court’s order
ऐसे समय में जब एसी/एसटी समुदायों पर अत्याचार की घटनाएं तेजी से बढ़ रही है, उस समय क्या एसी/एसटी एक्ट को कमजोर बनाया जाना चाहिए? तर्क यह दिया जा रहा है कि इस एक्ट का दुरूपयोग होता है। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के प्रभावों का विश्लेषण कर रहे हैं कांचा इलैया शेपर्ड :
I started searching for the source of Isaiah Berlin’s name. In one of the book introductions I read that he was named after a famous Israeli Prophet called Isaiah, who lived 7 centuries before Christ. Isaiah, a prophet?
मैंने आइजेया बर्लिन की किताब की भूमिका बहुत ध्यान से पढ़ी। उसमें कहा गया था कि आइजेया बर्लिन, दुनिया के तत्कालीन महानतम दार्शनिकों और इतिहासविदें में से एक थे। वे जर्मन नहीं थे बल्कि ब्रिटिश थे और उनकी पारिवारिक पृष्ठभूमि रूसी-यहूदी थी
As most of the Aryan spiritual texts were born out of the battlefield they did not develop positive, egalitarian spiritual philosophies
चूंकि आर्यों के आध्यात्मिक ग्रंथ युद्धक्षेत्र की उपज हैं इसलिए उन्होंने सकारात्मक व समानता पर आधारित आध्यात्मिक दर्शन को जन्म नहीं दिया