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Anil Chamadia

तो क्या सचमुच नफरत नहीं फैलाएंगी भारतीय मीडिया कंपनियां?
एनबीडीएसए ने बीते 28 फरवरी, 2024 को एक साथ तीन चैनलों के खिलाफ सात आदेश पारित किए। इनमें...
सरकार के शिकंजे में सोशल मीडिया 
आमतौर पर यह माना जाने लगा है कि लोगों का ‘प्यारा’ सोशल मीडिया सरकार का खिलौना बन गया...
नए प्रेस कानून से बढ़ी सरकारी निगरानी
पत्र-पत्रिकाओं के ऊपर केंद्र की निगरानी बढ़ा दी गई है और इस संदर्भ में राज्यों के अधिकारों का...
आखिर क्यों लिखा जाता है डॉ. आंबेडकर को ‘दलित नेता’?
पहले इस एक रहस्य को समझ लें कि दलितों के नेता और दलित नेता के विशेषण में क्या...
अंग्रेजी और हिंदी पत्रकारिता के बीच फंसा बहुजन
सासाराम के जेल में भी हरिजनों (उस समय दलितों के लिए हरिजन ही आमतौर पर लिखा जाता था)...
सत्यपाल मलिक के द्वारा खोली गई परतों पर सवाल नहीं, पड़ताल आवश्यक
हिंदी पत्रकारिता के क्षेत्र में सुपरिचित शख्सियत रहे श्रवण गर्ग ने गत 17 अप्रैल, 2023 को फेसबुक पर...
Fake news and an unperturbed Press Council of India
The Tamil Nadu-versus-Bihar narrative had its genesis in local disputes, which have been spiced up and seasoned. Initially...
सवालों के घेरे में भारतीय प्रेस परिषद
तमिलनाडु बनाम बिहार की जो कहानी तैयार की गई, वह वास्तव में स्थानीय किस्म के होने वाले विवाद...
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