नागपुर (महाराष्ट्र) : बामसेफ का 30वां राष्ट्रीय अधिवेशन रिंगनाबोड़ी स्थित यशकायी डीके खापर्डे मेमोरियल ट्रस्ट परिसर में 26 से 29 दिसंबर, 2013 को संपन्न हुआ। अधिवेशन में मुख्य अतिथि न्यायमूर्ति के. चन्दू्र, पूर्व जज, मद्रास हाईकोर्ट व विशिष्ट अतिथि डा. अमरीक सिंह, प्राध्यापक, कैलिफोर्निया स्टेट यूनिवर्सिटी, सैकरामैंटो, अमेरिका थे। अधिवेशन में सामाजिक क्रांति के लक्ष्य को हासिल करने के लिए फुले-आम्बेडकरी आंदोलनों को और प्रखर बनाने और संगठन के कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित करने पर जोर दिया गया।
कार्यक्रम की शुरुआत झंडोत्तोलन के बाद उद्घाटन सत्र से हुई। अधिवेशन को सात सत्रों में आयोजित किया गया था। इन सत्रों को डॉं. देवनारायण सिंह यादव, एड. गौतम ए. ताम्बे, एड. प्रेमचंद चौरसिया, एके दिवाकर, बीडी बोरकर, बालोजी नायक, नितिन गनोरकर, डीके सिंह, कैलाश चंद, केएस. चौहान, डॉं. अर्जुन भाई पटेल, डॉं. ए. रमैया, शिवमूरत राम, हेमराज सिंह पटेल, सुरेश द्रविड़, दया राम, डॉं. विवेक कुमार, एसएम मुशरिफ, विक्रम सिंह पवार, एन. गंगाधर दिनेश भाई सोलंकी, डॉॅं. प्रज्ञा, अरुणा तिरपुड़े, डॉं. मनीषा बांगर, डॉ. कौशल पवार और प्रो.ई. सुधा रानी, याम खोब्रागड़े, संजय इंगले, एसके आनंद व डॉ. किशोर गजभिये ने संबोधित किया। समापन समारोह की अध्यक्षता बामसेफ के राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक परमार ने की।
(फारवर्ड प्रेस के फरवरी, 2014 अंक में प्रकाशित )
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