गया (बिहार) : विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के पूर्व अध्यक्ष व शिक्षाविद् प्रो. एसके थोराट ने सूबे में दलित आबादी की दशा पर चिंता जाहिर की है। बिहार केंद्रीय विश्वविद्यालय में बाबू जगजीवन राम चेंबर का उद्घाटन करने गया पहुंचे प्रो. थोराट ने बिहार व ओडिशा की दलित आबादी को सर्वाधिक पिछड़ा बताया और कहा कि सामाजिक व आर्थिक स्तर पर अभी भी इनकी भागीदारी कम बनी हुई है और दो-तिहाई सूबे की दलित आबादी आवास और मूलभूत सुविधाओं से वंचित है। उन्होंने कहा कि 18 फीसद से भी कम दलित आबादी के पास खुद की जमीन है, जबकि गैर-दलित के मामले में यह आंकड़ा 40 फीसद है। थोराट ने बाबू जगजीवन राम के अवदानों का स्मरण करते हुए कहा कि श्रम मामले में उनका काम आज भी सराहनीय है, साथ ही हरित क्रांति में उनके योगदान को भूलाया नहीं जा सकता।
(फारवर्ड प्रेस के अप्रैल 2014 अंक में प्रकाशित)
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