पटना : बिहार के मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने हाल में एक साक्षात्कार में कहा, ”मैंने सामाजिक क्षेत्र में कई ऐसे काम किए हैं, जो नीतीश कुमार भी नहीं कर सके थे”। इन ‘कई कामों’ में से एक है उनकी कैबिनेट का यह निर्णय कि शहरी क्षेत्रों के भूमिहीन दलित, आदिवासी परिवारों को 30 वर्ग मीटर के आवासीय प्लाट तीस साल के पट्टे पर मुफ्त दिए जायेंगे। यह प्रावधान भी किया गया है कि पट्टाधारक, 30 वर्ष बाद अपने पट्टों का नवीनीकरण करवा सकेंगे। कैबिनेट सचिवालय के प्रमुख सचिव बी. प्रधान ने कहा, ”शहरी भूमिहीन दलितों को दी जाने वाली भूमि, सर्किल या शासकीय दरों पर खरीदी जावेगी। शहरी दलितों, आदिवासियों को दी जाने वाली भूमि खास महल, कैसर-ए-हिंद और गैर-मजरूआ होगी”। राज्य के सभी दलित, आदिवासी परिवारों को पहले से ही 3 डेसिमल (लगभग 122 वर्ग मीटर) भूमि नि:शुल्क प्राप्त करने का अधिकार है। यह योजना मांझी के पूर्ववर्ती व जदयू नेता नीतीश कुमार ने लागू की थी।
(फारवर्ड प्रेस के फरवरी, 2015 अंक में प्रकाशित )
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