केंद्रीय उच्च शिक्षा संस्थानों में कार्यरत प्राध्यापकों और कर्मचारियों को मोटी रकम वेतन के रूप मिलेगी। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा है कि विश्वविद्यालय कर्मियों के भत्ते में बढ़ोत्तरी का मामला अंतिम चरण में है। गौरतलब है कि उन्हें सातवें वेतन आयोग के अनुरूप भत्ता दिया जाना है।
एक हिंदी दैनिक से बातचीत में मंत्री ने कहा कि इसे जल्द ही कैबिनेट को भेज दिया जाएगा। विश्वविद्यालय कर्मियों की मांग रही है कि केंद्र सरकार के अन्य कर्मचारी जहां सातवें वेतन आयोग के अनुरूप भत्ता पा रहे हैं, वहीं उन्हें अब भी छठे वेतन आयोग का एचआरए और टीए मिल रहा है, इसमें शीघ्र बढ़ोत्तरी होनी चाहिए।

ध्यातव्य है कि केंद्रीय शिक्षा संस्थानों में कार्यरत शिक्षकों को समान्यतः 80 हजार रुपये (असिस्टेंट प्रोफेसर) से लेकर 2.25 लाख रुपये (प्रोफेसर) प्रतिमाह वेतन मिलता है।
अजीम प्रेमजी विश्वविद्यालय द्वारा वर्ष 2018 में जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में विभिन्न क्षेत्रों में नियमित तौर पर नियुक्त 57 प्रतिशत कर्मचारियों का वेतन 10,000 रुपये प्रति माह से कम है। जबकि भारत की कुल आबादी के लगभग 22 फीसदी हिस्से की आय 3 हजार रुपये प्रतिमाह से कम है।
(कॉपी संपादन : अर्चना)
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