उच्च शिक्षा किसी भी जातीय समूह के आर्थिक और सामाजिक स्तर को मापने का सबसे अच्छा मानक है। लेकिन भारत में तकनीकी और उच्च शिक्षण संस्थानों में न सिर्फ छात्रों की तादाद बल्कि शैक्षणिक पदों पर भी उच्च वर्ग यानि सामान्य जाति से आने वालों का दबदबा बरक़रार है। हालांकि इसके लिए सरकारी अनदेखी, राजनीतिक इच्छा शक्ति की कमी के अलावा इन सामाजिक समूहों की उदासीनता भी कम ज़िम्मेदार नहीं है।
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