केंद्रीय और जवाहर नवोदय विद्यालयों में प्रवेश के इच्छुक अन्य पिछड़ा वर्ग के छात्रों के लिए अच्छी ख़बर है। अगले सत्र से केद्रीय विद्यालय संगठन और जवाहर नवोदय विद्यालय इन छात्रों को नियमानुसार आरक्षण मुहैया कराएंगे। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने इस से जुड़े प्रस्ताव को अपनी मंज़ूरी दे दी है।
पिछड़ा वर्ग की राजनीति करने वाले डॉ. यशवीर सिंह के मुताबिक़ इन दोनों विद्यालयों में फिलहाल अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के छात्र-छात्राओं को ही आरक्षण मिलता है। लंबे अरसे से अन्य पिछड़ा वर्ग के लोग भी दाख़िलों में आरक्षण की मांग करते रहे हैं।
पिछले दिनों सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के अलावा अन्य पिछड़ा वर्ग आयोग समेत कई संगठनों ने केंद्रीय विद्यालय एवं जवाहर नवोदय विद्यालयों में ओबीसी आरक्षण लागू करने का अनुरोध किया था। इस मांग को आख़िरकार मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने मान लिया है। हालांकि सामान्य वर्ग के ग़रीब छात्रों को मिलने वाले आरक्षण पर अभी भी कुछ नहीं कहा गया है।

केंद्रीय विद्यालय और जवाहर नवोदय विद्यालयों में अनुसूचित जाति के छात्रों को 15% और अनुसूचित जनजाति के छात्रों को 7.5% आरक्षण का लाभ मिलता है। इसके साथ ही दिव्यांगजनों के लिए भी 03% आरक्षण का प्रावधान है। हालांकि केंद्रीय विद्यालयों के प्रवेश के लिए आरक्षण का फायदा सिर्फ पहली कक्षा में दाख़िले के दौरान दिया जाता है, जबकि नवोदय विद्यालयों में प्रवेश ही छठी कक्षा से होता है।
देश भर में इस वक़्त कुल 1227 केंद्रीय विद्यालय सक्रिय हैं। इनमें 13 लाख 15 हज़ार से ज़्यादा छात्र शिक्षा हासिल कर रहे हैं। इन विद्यालयों में प्रति शिक्षक औसतन 18 छात्रों को दाख़िला दिया जाता है।
दूसरी तरफ सरकार की नीति है कि देश के हर ज़िले में कम से कम एक जवाहर नवोदय विद्यालय ज़रुर होना चाहिए। देश भर में 08 क्षेत्रीय समितियों के तहत देश भर में 661 जवाहर नवोदय विद्यालय चल रहे हैं। इन विद्यालयों में 75% सीट ग्रामीण छात्रों के लिए आरक्षित हैं। मौजूदा समय में कुल 2,67,246 छात्र इन विद्यालयों में पढ़ रहे हैं।
(संपादन : नवल)
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