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Kalicharan ‘Snehi’

आजीवन सबके हितैषी रहे दलित साहित्य व वैचारिकी के संरक्षक माता प्रसाद
जिस गांधीवाद को माता प्रसाद जी लेकर चले, उससे लोगों को कभी कोई परेशानी नहीं हुई। वे मेरी...
दलित कविताएं वेदना को परिवर्तनकारी स्वर में बदलने का साहित्य
दलित कविताओं के मूल में सामाजिक भेदभाव जनित पीड़ा और हर प्रकार की वंचनाएं हैं। लेकिन वे केवल...
आत्मकथा लेखन की चुनौतियां और दलित आत्मकथाओं का महत्व
जिस दिन सभी दलित जातियों की दारूण कथाएं और उन पर हुए अत्याचारों का विवरण साहित्य में आ...