author

Dr Siddharth Ramu

बुद्ध को वैदिक धर्मानुयायी और हिंदू बताने वाले सर्वपल्ली राधाकृष्णन की बौद्धिक बदमाशी
अपने प्राक्कथन में राधाकृष्णन बुद्ध और बौद्ध धम्म को ब्राह्मण, हिंदू और वैदिक परंपरा को आगे बढ़ाने वाले...
तिलक ने गणेश और शिवाजी उत्सवों के जरिए किया था कांग्रेस का हिंदूकरण व ब्राह्मणीकरण
तिलक ने व्यापक पैमाने पर गणेश उत्सव की शुरुआत कर और उसे स्वतंत्रता आंदोलन का हिस्सा बनाकर कांग्रेस...
तमिलनाडु में ऑनर किलिंग : फिर सामने आया दलितों के खिलाफ गैर-दलितों के मन में भरा जहर
दलित युवक केविन सेल्वा गनेश की यह ऑनर किलिंग उस तमिलनाडु में की गई है, जहां आर्य, वैदिक...
‘जाति का विनाश’ में संतराम बीए, आंबेडकर और गांधी के बीच वाद-विवाद और संवाद
वर्ण-व्यवस्था रहेगी तो जाति को मिटाया नहीं जा सकता है। संतराम बीए का यह तर्क बिलकुल डॉ. आंबेडकर...
त्रिवेणी संघ, हिंदी पट्टी का पहला बहुजन संगठन, कायम है जिसके बिगुल की गूंज
बिहार के शाहाबाद जिले के करगहर में 30 मई, 1933 को गठित त्रिवेणी संघ के मूल में देशी...
क्यों दक्षिण भारत के उच्च न्यायालयों के अधिकांश जज ओबीसी, दलित और आदिवासी होते हैं तथा हिंदी पट्टी में द्विज-सवर्ण?
जस्टिस चंद्रचूड़ और जस्टिस खन्ना के कार्यकाल में देश के विभिन्न उच्च न्यायालयों में हुई जजों की नियुक्तियों...
वर्ण और जाति के सापेक्ष दो महापंचों की संपत्ति
यह सिर्फ दो न्यायाधीशों/व्यक्तियों के बीच धन-दौलत, जमीन-जायदाद और सोना-चांदी की तुलना नहीं है। वस्तुत: ये दो सामाजिक...
सरकारी क्षेत्र में नौकरियों के घटने और निजी क्षेत्र में बढ़ने से क्या खो रहे हैं दलित, आदिवासी और ओबीसी?
उदारीकरण, निजीकरण और वैश्वीकरण के नाम पर अर्थव्यवस्था को ऐसी शक्ल पिछले 25 वर्षों में दे दी गई...
और आलेख