हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा है उनकी सरकार जल्द ही करीब पांच वर्षों से विस्थापित मिर्चपुर के दलितों का पुनर्वास करेगी। इस संबंध में बीते 2 जून को देर शाम हरियाणा भवन, दिल्ली में

सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री रामदास अठावले ने श्री खट्टर से मुलाकात की। इस मौके पर उन्होंने हरियाणा में दलितों के लिए विभिन्न योजनाओं और उनके साथ हुए विभिन्न हिंसक घटनाओं में हुए विस्थापन को देखते हुए पुनर्वास और मुआवाजे पर बातचीत की। उल्लेखनीय है कि हरियाणा के हिसार जिले के मिर्चपुर में 2011 में हिंसक घटनायें घटित हुई थीं। तबसे दर्जनों दलित परिवार पलायन कर हिसार में ही स्थित तंवर फार्म हाउस में रह रहे हैं।
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने केंद्रीय राज्यमंत्री श्री अठावले को जानकारी दी कि मिर्चपुर के पीड़ितों को या तो किसी हाउसिंग प्लान के तहत पुनर्वास कराया जायेगा या पुनर्वास के लिए कुछ जगह सुनिश्चित होने पर उनका वहाँ पुनर्वास किया जायेगा। वहीं तंवर फ़ार्म हाउस के मालिक वेदपाल तंवर ने मुख्यमंत्री की इस घोषणा और इसके लिए पहल करने हेतु सामाजिक न्याय मंत्री (राज्य) के प्रति आभार जताया है। उल्लेखनीय है कि तंवर ने न सिर्फ़ मिर्चपुर के विस्थापितों को पिछले 6 सालों से अपने फ़ार्म हाउस में जगह दे रखी है बल्कि वे उनके पुनर्वास तथा मुआवजा की न्यायिक लड़ाई की अगुआई भी कर रहे हैं।
इसके अलावा श्री अठावले ने इस मौके पर मुख्यमंत्री से मई के पहले सप्ताह में हरियाणा के रोहतक में सामूहिक बलात्कार और ह्त्या की शिकार पीडिता के परिवार को मुआवजे की राशि (10.5 लाख) शीघ्र दिलवाने का आग्रह किया। हरियाणा सरकार ने इस घटना की पीडिता को अनुसूचित जाति जनजाति अत्याचार अधिनियम के तहत 8.5 लाख और दो लाख अतिरिक्त देने की घोषणा की थी। इसमें दो लाख रुपए की राशि रेड क्रॉस के माध्यम से दी जाने वाली थी और 8.5 लाख रुपए अनुसूचित जाति जनजाति अत्याचार अधिनियम के तहत गठित कोष से दिये जाने थे।

श्री अठावले ने हरियाणा में नियुक्तियों में बैकलॉग भरने, विश्वविद्यालयों में दलित विद्यार्थियों और शिक्षकों के लिए अनुकूल माहौल सुनिश्चित करने, अनुसूचित जाति के लोगों के लिए आवंटित जमीनों का कब्जा सुनिश्चित कराने और आरक्षण के स्लैब को बढ़ाकर जाट आरक्षण आदि मसलों को हल करने जैसे विषयों पर मुख्यमंत्री मनोहर खट्टर से विस्तृत बातचीत की। उन्होंने मुख्यमंत्री का ध्यान कैथल जिले में 1962 में दलितों को आवंटित जमीन पर कब्जा न करवाये जाने की ओर भी मुख्यमंत्री का ध्यान खीचा। वर्ष 2009 में भी पिछली सरकार के दौरान कुछ भूखंड भूमिहीन दलित परिवारों को आवंटित किए गए थे, लेकिन कब्जा नहीं दिलाया जा सका है।
इन सवालों के मद्देनजर मुख्यमंत्री श्री खट्टर ने सामाजिक न्याय राज्य मंत्री रामदास अठावले से कहा कि हरियाणा सरकार डा. अम्बेडकर के विचारों के प्रति प्रतिबद्ध है। उन्होंने राज्य सरकार की पहल पर डा अम्बेडकर के विचारों पर चार दिनों तक हुए आयोजन की चर्चा की। बातचीत में श्री अठावले ने कहा कि दलितों की संवेदना पर गठबंधन की सरकार को विशेष ध्यान देना चाहिए। उनके लिए योजनाओं की जितनी जरूरत है उतनी ही उनके प्रति सरकारों द्वारा प्रत्यक्ष-परोक्ष सम्मान प्रदर्शित करने की।
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