हमारे देश में विशिष्टः युवाओं के लिए बहुत नहीं लिखा जाता। यह तब, जबकि वे बहुत कुछ जानना चाहते हैं – और उन्हें जानना चाहिए – विशेषकर अपने ‘जीवन’, ‘शिक्षा’ और ‘कैरियर’ के बारे में। यह पुस्तक इन्हीं तीन विषयों पर केन्द्रित है और इसलिए अत्यंत उपयोगी है क्योंकि इसमें युवाओं द्वारा सलाह और सुझाव मांगते हुए लिखे गए पत्रों के उत्तर संकलित हैं।

लेखक को लम्बे समय तक विभिन्न संस्थाओं में काम करने का अनुभव है और इसलिए वे एक विश्वसनीय और समर्थ मार्गदर्शक हैं। और चूँकि वे कई दशकों से प्रबंधन से जुड़े विषयों पर व्याख्यान देते रहे हैं, अतः वे अपने विचारों को अनौपचारिक और मित्रवत भाषा में प्रस्तुत कर सके हैं। यह इस पुस्तक को दिलचस्प बनाता है।
जो बात मुझे सबसे अच्छी लगी वह यह है कि यह पुस्तक समस्याओं का विश्लेषण करती है। उदाहरण के लिए, नए साल पर लिए जाने वाले संकल्पों की बात करते हुए लेखक कहते हैं, “संकल्प महत्वपूर्ण नहीं है, महत्वपूर्ण है संकल्प के निर्धारण की प्रक्रिया” और फिर वे उन चरणों का विवरण करते हैं, जिनसे गुज़र कर कोई व्यक्ति उपयोगी व व्यावहारिक संकल्पों का निर्धारण कर सकता है।

‘जीवन’ खंड में वे सामाजिक जीवन और परस्पर संवाद से जुड़े प्रश्नों की व्याख्या करते हुए बताते हैं कि किस प्रकार जीवन को अधिक शांतिपूर्ण, सामंजस्यपूर्ण और सौद्देश्य बनाया का सकता है।
शेष दोनों खंड ‘शिक्षा’ व ‘कार्य’, ऐसे मुद्दों पर केन्द्रित हैं जो बच्चों और अभिभावकों की बीच अक्सर बहस और विवाद का विषय बनते हैं। चाहे बच्चों को यह तय करना हो कि उन्हें कौन से विषय की पढ़ाई करनी है या कौन से क्षेत्र में विशेषज्ञता हासिल करनी है, पूरा परिवार आकलन और विश्लेषण कर, सबसे बेहतर विकल्प चुनने के काम में जुट जाता है। प्रश्नों के लेखक द्वारा दिए गए उत्तर, कैरियरों की संभावनाओं और अवसरों के नित परिवर्तित होते स्वरुप को ध्यान में रखते हैं।
कुल मिलाकर, मैंने यह पाया कि विभिन्न मुद्दों पर लेखक के विचार संतुलित हैं और पाठक को सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाने के लिए प्रेरित करते हैं। चाहे आप युवा हों या वृद्ध, चाहे आप बच्चे हों या अभिभावक, आप इस पुस्तक को अकेले पढ़ सकते हैं या इस पर मित्रों व परिवारजनों के साथ चाय पर चर्चा कर सकते हैं।
अतः, यदि आप अपने जीवन में सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ सफलतापूर्वक आगे बढ़ना चाहते हैं, अगर आप अपनी चिंताओं को दूर और जिज्ञासाओं को शांत करना चाहते हैं, तो यह पुस्तक आपके लिए है।
(कॉपी एडिटर : नवल)
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