मतदाता सूची से मतदाताओं के नाम काटने की सूचना वाली फारवर्ड प्रेस की खबर पर दिल्ली के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी डाॅ. रणवीर सिंह ने संज्ञान लिया है। उन्होंने कहा है कि मतदाता सूची में नाम कटवाने और जुड़वाने को लेकर लोगों को कॉल्स करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। साथ ही उन्होंने दिल्ली के लोगों को ऐसी भ्रामक कॉल्स से सावधान रहने की सलाह भी दी है।
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी की ओर से 9 फरवरी 2019 को यह तब कहा गया, जब फारवर्ड प्रेस ने 7 फरवरी 2019 को वोटर लिस्ट मामले पर ‘आखिर क्यों सनसनी फैलाना चाहती है आम आदमी?’ नामक शीर्षक से एक विस्तृत रिपोर्ट प्रकाशित की थी। फारवर्ड प्रेस के संज्ञान में यह खबर तब आई, जब फारवर्ड प्रेस के प्रबंध संपादक प्रमोद रंजन और अंग्रेजी-संपादक अनिल वर्गीज को भी ऐसी कॉल्स आईं। कॉल करने वाली महिला ने दावा किया कि वह आम आदमी पार्टी की ओर से बोल रही है। उसने प्रमोद रंजन और अनिल वर्गीज को बताया कि उनके नाम दिल्ली की वोटर लिस्ट से भाजपा के इशारे पर काट दिए गए हैं। कॉल करने वाली महिला ने कथित तौर नाम काटे जाने को धार्मिक आधार पर अंजाम दिए जाने के भी संकेत किए। फारवर्ड प्रेस इन फोन कॉल्स को गंभीरता से लेते हुए इसकी पड़ताल की। पड़ताल में पाया गया कि फारवर्ड प्रेस के संपादकों का नाम काटे जाने की बात झूठी थी। उनके नाम वेाटर लिस्ट में मौजूद मिले। साथ ही पड़ताल में यह भी मालूम चला कि दिल्ली भर में अनेक लोगों को इसी तरह कॉल्स की जा रही हैं, जिससे लोगों में बेचैनी है। गहरी पड़ताल करने के बाद फारवर्ड प्रेस ने यह खबर प्रकाशित की और आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता व दिल्ली के समाज कल्याण मंत्री राजेंद्र पाल गौतम, भाजपा नेता मनोज तिवारी सहित अनेक लोगों से पूछताछ की। इतना ही नहीं इसके लिए फारवर्ड टीम विधान सभा क्षेत्र-57 पटपड़गंज के मतदाता केंद्र भी गई। मनोज तिवारी का कहना है कि भाजपा की ओर से इस मामले में रिपोर्ट भी कराई गई है। वहीं, फारवर्ड प्रेस की खबर में उपलब्ध तथ्यों के आधार पर अनेक लोगों व भाजपा नेताओं ने के दिल्ली के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी से शिकायत दर्ज कराई है।

इसके बाद मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने प्रेस नोट जारी किया है, जिसमें कहा गया है कि मतदाता सूची में नाम कटवाने और जुड़वाने को लेकर लोगों को कॉल्स करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने इस संबंध में कड़ा एतराज भी जताया है। जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि सीईओ दिल्ली को जानकारी मिली है कि कई नागरिकों को अज्ञात व्यक्तियों/संस्थाओं/स्रोतों से बड़े पैमाने पर फोन कॉल्स की जा रही हैं। इन्हें बताया जा रहा है कि मतदाता सूची से उनका नाम हटा दिया गया है, जिसे वे जुड़वा रहे हैं।

मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने इस संबंध में एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कड़ा एतराज जताया। जारी विज्ञप्ति में बताया है कि सीईओ दिल्ली को जानकारी मिली है कि कई नागरिकों को अज्ञात व्यक्तियों/संस्थाओं/स्त्रोतों से बड़े पैमाने पर फोन कॉल्स किए जा रहे हैं। इन्हें बताया जा रहा है कि मतदाता सूची से उनका नाम हटा दिया गया है, जिसे वे जुड़वा रहे हैं।
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विज्ञप्ति में मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने साफ कहा है कि मतदाता सूची में नाम जोड़ने या हटाने का अधिकार सिर्फ निर्वाचन अधिकारी का है। यदि किसी का नाम गलत तरीके से कटता है, तो इसके खिलाफ कोई भी पात्र नागरिक सीधे निर्वाचन पंजीकरण अधिकारी को आवेदन कर सकता है। इसके साथ-साथ 1950 नंबर पर कॉल करके या फिर 7738299899 पर एसएमएस भेजकर मतदाता सूची में अपने नाम की जांच कर सकता है। अगर किसी का नाम छूट गया हो, तो वह आयोग के कार्यालय में जाकर अपना नाम जोड़ने की अपील कर सकता है। इसके लिए उसे एक फॉर्म भरना होगा और जरूरी कागजात उसके साथ जमा कराने होंगे।
बहरहाल, मुख्य निर्वाचन अधिकारी के मुताबिक, मतदाता सूची से नाम काटने में कोई लापरवाही नहीं बरती गई है। जो भी नाम मतदाता सूची से काटे गए हैं, वो नियमों के अनुसार सभी प्रक्रियाओं को पूरा करने के बाद ही कटे हैं। किसी का नाम अगर गलत कटा है, तो जरूरी कागजात के साथ चुनाव कार्यालय आएं, उनका नाम जरूर जोड़ा जाएगा।
(कॉपी संपादन : प्रेम बरेलवी/डेस्क)
[परिवर्द्धित : 11 फरवरी, 2019, 2: 28 PM]
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