h n

मैत्री यात्रा : मनुवादियों के खिलाफ जनवादी साझा संघर्ष का करेंगे आह्वान

17 फरवरी (रविवार) को गिरौदपुर से सोनाखान तक मैत्री यात्रा का आयोजन किया जाएगा। इस मैत्री यात्रा में लोग व संस्थाओं के प्रतिनिधि अथवा कार्यकर्ता जाति, धर्म, लिंग, नस्ल, राष्ट्रीयता, दलगत राजनीति के भेदभाव से रहित नियमों के तहत भाग ले सकते हैं

गुरु घासीदास सेवादार संघ (जीएसएस) के द्वारा 17 फरवरी (रविवार) को गिरौदपुर (छत्तीसगढ़) से सोनाखान (छत्तीसगढ़) तक मैत्री यात्रा का आयोजन किया जाएगा। इस यात्रा का मकसद मनुवादियों के खिलाफ एक जनवादी साझा संघर्ष करने का आह्वान करना है, जो कि पिछले कई वर्षों से किया जा रहा है। यह यात्रा कानूनी नियमों के तहत निकाली जाएगी, ताकि शांतिपूर्ण तरीके से यह सम्पन्न हो सके।

जीएसएस के केंद्रीय संगठक एम.डी. सतनाम ने बताया कि यह मैत्री यात्रा जन-एकता को मजबूत बनाने के लिए एक स्वयंसेवी आयोजन है। इसलिए यात्रा में वाहन, भोजन आदि की व्यवस्था यात्रा में भाग लेने वाले लोगों को स्वयं ही करनी होगी। उन्होंने बताया कि इस यात्रा में जनवादी मैत्री यात्रा के पक्षधर लोग व संस्थाओं के प्रतिनिधि अथवा कार्यकर्ता जाति, धर्म, लिंग, नस्ल, राष्ट्रीयता, दलगत राजनीति के भेदभाव से रहित नियमों के तहत भाग ले सकते हैं। यात्रा में भाग लेने वालों को शांतिपूर्ण तरीके से शामिल होने के साथ कानून व्यवस्था और सड़क परिवहन नियमों का पालन करने के साथ-साथ जीएसएस की ओर से जारी परिचय-पत्र धारक होना अनिवार्य है। इस यात्रा का मकसद लोगों के बीच में मैत्री तथा एकता विकसित कर परस्पर भौतिक, नैतिक समर्थन तथा सहयोग का विकास कर ऐतिहासिक मिसाल कायम करना है।

एक रैली निकालते हूए गुरु घासीदास सेवादार संघ के सदस्य

मैत्री यात्रा निकालने के पीछे की वजह बताते हुए एम.डी. सतनाम ने बताया कि राजा रामाराय और गुरु घासीदास में घनिष्ठ मित्रता थी और दोनों ही समाज में दबे-कुचले लोगों पर होने वाले अत्याचारों के खिलाफ अत्याचारी शासकों से लोहा लेते थे। लेकिन, कुछ मनुवादी, दमनकारी लोगों और शासकों ने चाटुकार लेखकों के द्वारा दोनों लोगों के बीच दुश्मनी और राजा रामाराय के द्वारा गुरु घासीदास की हत्या की झूठी कहानियां लिखवाकर समाज में वैमनस्य फैलाने की कोशिश की। इसी के चलते राजा रामाराय के पुत्र अमर शहीद वीर नारायण सिंह एवं गुरु घासीदास के पुत्र अमर शहीद गुरु बालकदास ने आपसी मैत्री-एकता विकसित कर परस्पर भौतिक-नैतिक समर्थन, सहयोग का विकास कर ऐतिहासिक मिसाल फिर से कायम की थी। ऐसी झूठी कहानियां कहने-बताने वाले आज भी समाज में यह जहर भर रहे हैं। दरअसल, इन लोगों का मकसद शोषित समाज के लोगों की एकता को तोड़ना, उन्हें जाति-बिरादरी के खेमे में बांटकर रखना है, ताकि इन मनुवादियों की सत्ता बरकरार रह सके। लेकिन, अब हम मैत्री यात्रा के जरिए शोषितों को जागृत कर रहे हैं और इनके (दमनकारियों के) षड्यंत्रों का पर्दाफाश करने को आगे बढ़ रहे हैं।

गुरु घासीदास

जीएसएस के केंद्रीय संगठक ने बताया कि यह मैत्री यात्रा गिरौदपुर से प्रातः 10:00 बजे से विशाल वाहन रैली के रूप में निकलेगी और करीब 15 किमी पहाड़ी व जंगल रास्ते से होते हुए राजा रामाराय एवं वीर नारायण सिंह की ऐतिहासिक स्थली सोनाखान पहुंचेगी। वहां हम लोग राजा रामाराय और उनके पुत्र वीर नारायण सिंह वंशज साहिब श्री राजेंद्र सिंह दीवान और कुंजल सिंह दीवान को मैत्री एकता एवं जनसंघर्ष के लिए तलवार भेंट कर एक जनसभा आयोजित करेंगे।

राजा रामाराय के पुत्र अमर शहीद वीर नारायण सिंह

इस जनसभा में राष्ट्रीय संस्कृति संस्था ‘रेला’ की टीम के कलाकार साहिब कलादास डहरिया, साहिब गीत, साहिब पुष्पा एवं साथियों द्वारा क्रांतिकारी और जन-सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। इस कार्यक्रम में गिरौदपुरी-सोनाखान मैत्री आयोजन मंडल के कार्यकर्ता देवेंद्र भारद्वाज, एन.एल. बघेल, दलित-आदिवासी मंच सोनाखान के कार्यकर्ता नारायण देवदास, सरोज कुमार ठाकुर, मूड़पार-नवापारा फारेस्ट रेंज के संतोष कुमार ठाकुर एवं जीएसएस के मनमोहन बांधे, चंद्र प्रकाश टंडन, चंद्रिका प्रसाद आर्य, ईश्वर खांड़े, किशोर सोनवानी, केशव सतनाम, सुशील अनंत, संतोष मार्कण्डेय का विशेष योगदान रहेगा। मैत्री यात्रा एवं जनसभा में जनमुक्ति मोर्चा (राजहरा, भिलाई) के गुहा नियोगी, छत्तीसगढ़ बचाओ आंदोलन (रायपुर) के कार्यकर्ता आलोक शुक्ला, किसान सभा (बिलासपुर) के नंद कश्यप, दलित अधिकार अभियान (छत्तीसगढ़) के एडवोकेट ए.पी. जोशी, जन-चिंतक बी.सी. जाटव (रिटायर्ड एसबीआई अधिकारी), क्रांतिकारी सांस्कृतिक मंच (रायपुर) के कार्यकर्ता तुहिन के अलावा सैकड़ों लोग शामिल होंगे।   

(कॉपी संपादन : प्रेम)


फारवर्ड प्रेस वेब पोर्टल के अतिरिक्‍त बहुजन मुद्दों की पुस्‍तकों का प्रकाशक भी है। एफपी बुक्‍स के नाम से जारी होने वाली ये किताबें बहुजन (दलित, ओबीसी, आदिवासी, घुमंतु, पसमांदा समुदाय) तबकों के साहित्‍य, सस्‍क‍ृति व सामाजिक-राजनीति की व्‍यापक समस्‍याओं के साथ-साथ इसके सूक्ष्म पहलुओं को भी गहराई से उजागर करती हैं। एफपी बुक्‍स की सूची जानने अथवा किताबें मंगवाने के लिए संपर्क करें। मोबाइल : +917827427311, ईमेल : info@forwardmagazine.in

फारवर्ड प्रेस की किताबें किंडल पर प्रिंट की तुलना में सस्ते दामों पर उपलब्ध हैं। कृपया इन लिंकों पर देखें

 

मिस कैथरीन मेयो की बहुचर्चित कृति : मदर इंडिया

बहुजन साहित्य की प्रस्तावना 

दलित पैंथर्स : एन ऑथरेटिव हिस्ट्री : लेखक : जेवी पवार 

महिषासुर एक जननायक’

महिषासुर : मिथक व परंपराए

जाति के प्रश्न पर कबी

चिंतन के जन सरोकार

 

लेखक के बारे में

प्रेम बरेलवी

उत्तर प्रदेश के बरेली जिले के प्रेम बरेलवी शायर व स्वतंत्र पत्रकार हैं। इनकी कई रचनाएं विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हैं

संबंधित आलेख

‘दुनिया-भर के मजदूरों के सुख-दुःख, समस्याएं और चुनौतियां एक हैं’
अपने श्रम का मूल्य जानना भी आपकी जिम्मेदारी है। श्रम और श्रमिक के महत्व, उसकी अपरिहार्यता के बारे में आपको समझना चाहिए। ऐसा लगता...
सावित्रीबाई फुले, जिन्होंने गढ़ा पति की परछाई से आगे बढ़कर अपना स्वतंत्र आकार
सावित्रीबाई फुले ने अपने पति जोतीराव फुले के समाज सुधार के काम में उनका पूरी तरह सहयोग देते हुए एक परछाईं की तरह पूरे...
रैदास: मध्यकालीन सामंती युग के आधुनिक क्रांतिकारी चिंतक
रैदास के आधुनिक क्रांतिकारी चिंतन-लेखन को वैश्विक और देश के फलक पर व्यापक स्वीकृति क्यों नहीं मिली? सच तो यह कि उनकी आधुनिक चिंतन...
जब नौजवान जगदेव प्रसाद ने जमींदार के हाथी को खदेड़ दिया
अंग्रेज किसानाें को तीनकठिया प्रथा के तहत एक बीघे यानी बीस कट्ठे में तीन कट्ठे में नील की खेती करने के लिए मजबूर करते...
डॉ. आंबेडकर : भारतीय उपमहाद्वीप के क्रांतिकारी कायांतरण के प्रस्तावक-प्रणेता
आंबेडकर के लिए बुद्ध धम्म भारतीय उपमहाद्वीप में सामाजिक लोकतंत्र कायम करने का एक सबसे बड़ा साधन था। वे बुद्ध धम्म को असमानतावादी, पितृसत्तावादी...