कोरोना की दहशत के बीच, छत्तीसगढ़ सरकार राम की तलाश कर रही है। बीते 26 अप्रैल, 2020 को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस सम्बन्ध में घोषणा भी की। सरकार का मानना है कि अपने वनवास के दौरान राम छत्तीसगढ़ के जंगलों में भी रहे थे। सरकार अब उन स्थानों को चिन्हित कर पर्यटन के लिहाज से उनका विकास करेगी। राज्य सरकार की इस पहल का अनेक दलित, आदिवासी व ओबीसी बुद्धिजीवियों ने विरोध किया है। उनके मुताबिक राज्य सरकार का यह कदम द्विजों के सांस्कृतिक वर्चस्ववाद को बढ़ावा देगा और दलित-बहुजनों के सांस्कृतिक प्रतिवाद के आंदोलन को कमजोर करेगा। विरोध करने वालों में मुख्यमंत्री के पिता नंदकुमार बघेल भी शामिल हैं।