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इस सप्ताह : उत्तर प्रदेश में पंचायती चुनावों में भाजपा की हार और बिहार में अंधविश्वास

बीत रहा सप्ताह कई मायनों में खास रहा है। कोरोना के कहर व देशव्यापी ऑक्सीजन के संकट के बीच गत 5 मई को सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने मराठा आरक्षण को खारिज कर दिया। वहीं उसने ओबीसी की सूची को लेकर भी अहम टिप्पणी की। साथ ही उत्तर प्रदेश में पंचायती चुनावों में भाजपा की हार चर्चा का विषय रही। इसी सप्ताह केंद्रीय मंत्री अजित सिंह का निधन हो गया

उत्तर प्रदेश के पंचायती राज चुनावों में किसानों और कोरोना के कारण भाजपा की हार

हाल ही में संपन्न हुए उत्तर प्रदेश के पंचायत चुनाव परिणामों की घोषणा के बाद से साफ हो गया है कि किसानों की नाराजगी भाजपा पर भारी पड़ी है। अप्रत्याशित बहुमत हासिल कर केंद्र और राज्य की सत्ता पर काबिज भाजपा को पंचायत चुनावों में करारी हार का सामना करना पड़ा है। मसलन, पश्चिमी उत्तर प्रदेश में मेरठ, सहारनपुर, बिजनौर, अलीगढ़, आगरा, बागपत और शामली जैसे इलाकों में समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय लोकदल ने अपना झंडा गाड़ दिया है तो दूसरी ओर भाजपा का पत्ता साफ हो गया है। ज्यादातर जगहों पर भाजपा समर्थित उम्मीदवारों को हार का सामना करना पड़ा है।

वहीं, पूर्वांचल को भाजपा अपने गढ़ के रूप में देखती रही है। यह इस कारण से कि वाराणसी से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गोरखपुर से उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ चुनकर आते हैं, लेकिन इन दोनों ही क्षेत्रों में भाजपा को करारी हार का सामना करना पड़ा है। सपा नेता व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इन चुनाव परिणामों को भाजपा की नीतियों की हार बताया है। उन्होंने कहा है कि अब जनता यह समझ चुकी है कि भाजपा केवल लोगों को सांप्रदायिक सोच में भटका कर मूर्ख बनाने का काम करती है। कोरोना के इलाज के दौरान भी लोगों को यह समझ आ गया है कि ये लोगों को इलाज नहीं दे सकते, बल्कि सहायता मांगने पर पीड़ित के ऊपर ही कानूनी कार्रवाई कर देते हैं। वहीं भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा है कि किसानों ने भाजपा को सबक सिखाया है। अगर अभी भी वह इन चुनाव परिणामों को कुछ सीखकर कृषि कानूनों को वापस ले ले तो बात बन सकती है, लेकिन अगर उसने अभी भी अपनी जिद नहीं छोड़ी तो उसे इसका भारी नुकसान सहना पड़ेगा।

पूर्व केंद्रीय मंत्री अजित चौधरी का निधन 

पूर्व केंद्रीय मंत्री व राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष चौधरी अजित सिंह का निधन 6 मई को गुरुग्राम के एक निजी अस्पताल में हो गया। करीब 82 वर्षीय अजित सिंह 20 अप्रैल को कोरोना संक्रमित पाए गए थे। इसकी सूचना उनके पुत्र व पूर्व सांसद जयंत चौधरी ने ट्विटर के जरिए दी। अजित सिंह पूर्व प्रधानमंत्री व किसान नेता चौधरी चरण सिंह के पुत्र थे। उनके निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित अनेक नेताओं ने शोक व्यक्त किया है।

स्मृति शेष – चौधरी अजित सिंह, भूतपूर्व केंद्रीय मंत्री

गाय-गोबर-मूत्र के बाद नीम-तुलसी पर जोर

कोरोना के इलाज के लिए गाय के गोबर व मूत्र को इलाज बताने के बाद अब एक नया नुस्खा बिहार सरकार के पर्यटन मंत्री नारायण प्रसाद ने प्रस्तावित किया है। भाजपा कोटे के मंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लिखे पत्र में उन्होंने कहा है कि नीम और तुलसी के सेवन से ऑक्सीजन के संकट से बचा जा सकता है। उन्होंने मुख्यमंत्री से मांग की है कि नीम, तुलसी, बरगद, पीपल आदि लगाने के लिए लोगों को प्रोत्साहित किया जाय। उन्होंने यह भी कहा है कि नीम का पेड़ काटने वालों के खिलाफ कठोरतम दंडात्मक कार्रवाई की जाय।  

देश में जारी है चिकित्सकीय ऑक्सीजन का संकट

बिहार : कोरोना के कहर के बीच अंधविश्वास व उत्पीड़न

जहां एक ओर कोरोना के कहर को देखते हुए बिहार में राज्य सरकार ने 15 मई तक पूर्णबंदी कर रखा है, वहीं दूसरी ओर अंधविश्वासी कहर बरसा रहे हैं। डायन के आरोप में ओबीसी महिला को मारने-पीटने व मैला पिलाने संबंधी एक मामला बिहार के सुदूर सुपौल जिले के बलुआ बाजार थाना के केवला वार्ड संख्या एक का है। पीड़िता ने इस संबंध में स्वजातीय लोगों के खिलाफ बीते स्थानीय थाने में मामला दर्ज कराया है। पीड़िता के मुताबिक 3 मई, 2021 को दोपहर करीब 11 बजे जब वह अपना घर साफ कर रही थी तब आरोपी अजित कुमार, टुनटुन कुमार और उमेश मेहता उसके घर में घुस आए तथा उसके साथ मारपीट करने लगे। इस क्रम में आरोपियों ने मैला पिलाया। पीड़िता के मुताबिक आरोपी उसे तब तक मारते रहे जब तक कि वह बेहोश नहीं हो गई। बाद में उसके परिजन उसे नरपतगंज अस्पताल ले गए। इस संबंध में स्थानीय गांववालों ने 4 मई को एक पंचायत बुलाई और आरोपी पक्ष को कसूरवार मानते हुए 25 हजार रुपए का जुर्माने की सजा सुनायी। हालांकि इस संबंध में स्थानीय थाना प्रभारी सुबोध यादव ने बताया कि पीड़िता के द्वारा एक सूचना दी गई है। इस मामले में अभी प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई है।

9 मई को सामान्य वर्ग के गरीबों के दस फीसदी आरक्षण की वैधता पर ऑनलाइन सेमिनार

आर्थिक आधार पर सामान्य वर्ग के गरीब लोगों के लिए केंद्र सरकार द्वारा दस फीसदी अतिरिक्त आरक्षण दिया जाना कितना संवैधानिक है? इस विषय पर आगामी 9 मई को शाम साढ़े छह बजे से लेकर सवा आठ बजे तक होने वाले राष्ट्रीय स्तरीय वर्चुअल सेमिनार का आयोजन किया जा रहा है। इस सेमिनार का आयोजन “दी आर्टिकल 16 फोकस ग्रुप” के तत्वावधान में होगा। इसमें बीज वक्तव्य सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश जस्टिस जे. चेलमेश्वर, कर्नाटक के पूर्व महाधिवक्ता रविराम कुमार, नेशनल ज्यूडिशियल एकेडमी के पूर्व निदेशक प्रो. जी. मोहन गोपाल देंगे। वहीं अन्य वक्ताओं में आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्य न्यायाधीश व राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के पूर्व अध्यक्ष जस्टिस वी. ईश्वरैय्या, कालीकट विश्वविद्यालय में विधि विभाग के डीन प्रो. के. के. बीजू, ओपी जिंदल लॉ यूनिवर्सिटी के असिस्टेंट प्रोफेसर अनुराग भास्कर और दिल्ली विश्वविद्यालय के विधि विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर कैलाश जींगर शामिल रहेंगे। धन्यवाद ज्ञापन केरल के ओबीसी विभाग के पूर्व निदेशक वी. आर. जोशी करेंगे।

(संपादन : अनिल)


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लेखक के बारे में

नवल किशोर कुमार

नवल किशोर कुमार फॉरवर्ड प्रेस के संपादक (हिन्दी) हैं।

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