राजस्थान की राजधानी जयपुर के घाट गेट इलाक़े में स्थित पहाड़ी पर आदिवासी मीणा समुदाय की आस्था से जुड़ा एक प्राचीन आमागढ़ (आम्बागढ़) क़िला है, जिसमें नाढ़ला गौत्र के मीणाओं की कुल देवी अंबाजी का मंदिर मौजूद है। हाल ही में हिंदुत्व के नाम पर वहां कुछ ऐसा किया गया है कि अब राजस्थान में आरएसएस और आदिवासी आमने सामने हो चुके हैं।
लेखक के बारे में

भंवर मेघवंशी
भंवर मेघवंशी लेखक, पत्रकार और सामाजिक-सांस्कृतिक कार्यकर्ता हैं। उन्होंने आरएसएस के स्वयंसेवक के रूप में अपना सार्वजनिक जीवन शुरू किया था। आगे चलकर, उनकी आत्मकथा ‘मैं एक कारसेवक था’ सुर्ख़ियों में रही है। इस पुस्तक का अंग्रेजी अनुवाद हाल में ‘आई कुड नॉट बी हिन्दू’ शीर्षक से प्रकाशित हुआ है। संप्रति मेघवंशी ‘शून्यकाल डॉट कॉम’ के संपादक हैं।