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मध्य प्रदेश : शिवराज सरकार ने बदल दिये पेसा के नियम, मूल भावना विलोपित

पेसा नियम 2021 की धारा 35 में प्राकृतिक संसाधनों, कृषि एवं भूमि को ग्राम पंचायत के क्षेत्र तक सीमित कर दिया गया है। जबकि आदिवासी परंपराओं में इसकी सीमाएं उस समुदाय के अधिवास अधिकार तक जाती हैं। बता रहे हैं मनीष भट्ट मनु

बीते 4 दिसंबर को टंट्या भील के बलिदान दिवस के मौके पर मध्य प्रदेश में पेसा यानी पंचायत उपबंध (अनुसूचित क्षेत्रों में विस्तार) अधिनियम, 1996 के नियम लागू कर दिए गए हैं। यह ऐलान खुद प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किया। मगर आदिवासी स्वशासन और अधिकारों को लेकर संघर्षरत व्यक्तियों ने सरकार की मंशा पर सवाल उठाना शुरु कर दिया है। उनका आरोप है कि पेसा के लगभग 25 बरस बाद बनाए गए इन नियमों ने संसद द्वारा पारित अधिनियम की भावना को ही बदल दिया है।

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लेखक के बारे में

मनीष भट्ट मनु

घुमक्कड़ पत्रकार के रूप में भोपाल निवासी मनीष भट्ट मनु हिंदी दैनिक ‘देशबंधु’ से लंबे समय तक संबद्ध रहे हैं। आदिवासी विषयों पर इनके आलेख व रपटें विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में नियमित रूप से प्रकाशित होते रहे हैं।

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