गत 6 अप्रैल, 2022 को सुप्रीम कोर्ट ने शिक्षा के अधिकार कानून को लेकर महत्वपूर्ण टिप्पणी की। न्यायमूर्ति यू.यू. ललित, न्यायमूर्ति एस. रविंद्र भट्ट और न्यायमूर्ति पी.एस. नरसिम्हा की खंडपीठ ने कहा कि सरकार को किसी भी योजना को आगे बढ़ाने से पहले वित्तीय प्रभाव को हमेशा ध्यान में रखना चाहिए। खंडपीठ ने शिक्षा का अधिकार कानून का हवाला देते हुए कहा कि यह एक उत्कृष्ट उदाहरण है। एक अधिकार कानून बना दिया गया लेकिन पर्याप्त स्कूल नहीं हैं।