h n

अग्निपथ पर नौजवानों को भेजने से पहले सोचे हुक्मरान

आजादी के 75 साल बाद जब एक तरफ हुकूमत अमृत महोत्सव मना रही है, हमारे युवा राष्ट्र की संपत्ति जला रहे हैं। यह गलत है और नौजवानों को ऐसा नहीं करना चाहिए। लेकिन ऐसे में हमें सोचना ही चाहिए कि ऐसे हालात क्यों बने हैं? बता रहे हैं केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के सेवानिवृत्त कमांडेंट हवा सिंह सांगवान

बीते दिनों रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के द्वारा अग्निपथ योजना के तहत अग्निवीरों की संविदा के आधार पर अल्पकालिक नियुक्ति की घोषणा के बाद से देश भर में नौजवान सड़कों पर हैं। वे इतने आक्रोशित हैं कि वे सरकारी परिसंपत्तियां जला रहे हैं। हालात बिल्कुल ऐसे हैं जैसे आजादी के पहले आजादी के दीवाने किया करते थे। वे रेलों की पटरियां उखाड़ देते थे। रेल की बोगियों में आग लगा देते थे। लेकिन आजादी के 75 साल बाद जब एक तरफ हुकूमत अमृत महोत्सव मना रही है, हमारे युवा राष्ट्र की संपत्ति जला रहे हैं। यह गलत है और नौजवानों को ऐसा नहीं करना चाहिए। लेकिन ऐसे में हमें सोचना ही चाहिए कि ऐसे हालात क्यों बने हैं।

पूरा आर्टिकल यहां पढें : अग्निपथ पर नौजवानों को भेजने से पहले सोचे हुक्मरान

लेखक के बारे में

सरदार हवा सिंह सांगवान

सरदार हवा सिंह सांगवान केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के सेवानिवृत्त कमांडेंट हैं।

संबंधित आलेख

जनसंघ के किसी नेता ने नहीं किया था ‘धर्मनिरपेक्ष’ और ‘समाजवादी’ शब्द जोड़े जाने का विरोध : सिद्दीकी
1976 में जब 42वां संविधान संशोधन हुआ तब चाहे वे अटलबिहारी वाजपेयी रहे या फिर आडवाणी या अन्य बड़े नेता, किसी के मुंह से...
जेर-ए-बहस : श्रम-संस्कृति ही बहुजन संस्कृति
संख्या के माध्यम से बहुजन को परिभाषित करने के अनेक खतरे हैं। इससे ‘बहुजन’ को संख्याबल समझ लिए जाने की संभावना बराबर बनी रहेगी।...
‘धर्मनिरपेक्ष’ व ‘समाजवादी’ शब्द सांप्रदायिक और सवर्णवादी एजेंडे के सबसे बड़े बाधक
1975 में आपातकाल के दौरान आरएसएस पर प्रतिबंध लगा था, और तब से वे आपातकाल को अपने राजनीतिक हथियार के रूप में इस्तेमाल करते...
दलितों, पिछड़ों और आदिवासियों के ऊपर पेशाब : राजनीतिक शक्ति का कमजोर होना है वजह
तमाम पुनरुत्थानवादी प्रवृत्तियां सर चढ़कर बोल रही हैं। शक्ति के विकेंद्रीकरण की ज़गह शक्ति के केंद्रीकरण की प्रवृत्ति बढ़ रही है। ऐसे दौर में...
नीतीश की प्राथमिकता में नहीं और मोदी चाहते नहीं हैं सामाजिक न्याय : अली अनवर
जातिगत जनगणना का सवाल ऐसा सवाल है कि आरएसएस का सांप्रदायिक ध्रुवीकरण की राजनीति का जो गुब्बारा है, उसमें सुराख हो जाएगा, उसकी हवा...