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Anil Chamadia

बिहार के चुनाव नतीजों में क्यों नहीं कोई अजूबापन?
पहले के चुनावों में हम यह सुना करते थे कि शहर का कोई रईसजादा शहर के सबसे बुरी...
आरएसएस और भाजपा को डॉ. आंबेडकर से चिढ़ क्यों?
जैसे दक्षिणपंथी विचारधारा के लोग दान-पुण्य देने को सबसे बड़ा उपकार मानते हैं। वे अधिकार देने के भाव...
सत्ता विरोधी लहर के कुछ नए अर्थ
नीतीश कुमार बीस वर्षों से सरकार के मुखिया बने हुए हैं। लेकिन सत्ताधारी पार्टियां इस प्रचार पर जोर...
बिहार : एक चरण में मतदान नहीं कराने की साजिशें
बिहार में विधानसभा के चुनाव कराने का वक्त आ गया है। इस वक्त देश में कहीं और चुनाव...
असम में ‘पत्रकारिता’ पर हमले का उद्देश्य
असम सरकार ने सोशल मीडिया पर निगरानी के लिए टीम बनाई है। राज्य से बाहर के मीडिया संस्थानों...
तो क्या सचमुच नफरत नहीं फैलाएंगी भारतीय मीडिया कंपनियां?
एनबीडीएसए ने बीते 28 फरवरी, 2024 को एक साथ तीन चैनलों के खिलाफ सात आदेश पारित किए। इनमें...
सरकार के शिकंजे में सोशल मीडिया 
आमतौर पर यह माना जाने लगा है कि लोगों का ‘प्यारा’ सोशल मीडिया सरकार का खिलौना बन गया...
नए प्रेस कानून से बढ़ी सरकारी निगरानी
पत्र-पत्रिकाओं के ऊपर केंद्र की निगरानी बढ़ा दी गई है और इस संदर्भ में राज्यों के अधिकारों का...
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