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Omprakash Kashyap
जेर-ए-बहस : क्या शंबूक श्रमण परंपरा का प्रतिनिधि था?
ओमप्रकाश कश्यप
रामायण में शंबूक प्रकरण को जाति के नजरिए से ही देखा गया है। देवता शंबूक की हत्या के...
जेर-ए-बहस : प्रसाद के अधूरे उपन्यास ‘इरावती’ का आजीवक प्रसंग जिसकी कभी चर्चा नहीं होती
ओमप्रकाश कश्यप
जिस दौर में जयशंकर प्रसाद ने इन कृतियों की रचना की, वह भी सांस्कृतिक-राजनीतिक उथल-पुथल का था। आजादी...
जेर-ए-बहस : श्रम-संस्कृति ही बहुजन संस्कृति
ओमप्रकाश कश्यप
संख्या के माध्यम से बहुजन को परिभाषित करने के अनेक खतरे हैं। इससे ‘बहुजन’ को संख्याबल समझ लिए...
आखिर ‘चंद्रगुप्त’ नाटक के पन्नों में क्यों गायब है आजीवक प्रसंग?
ओमप्रकाश कश्यप
नाटक के मूल संस्करण से हटाए गए तीन दृश्य वे हैं, जिनमें आजीवक नामक पात्र आता है। आजीवक...
ईश्वरवाद और भारतीय समाज की जड़ता
ओमप्रकाश कश्यप
जातिवाद के चलते भारत में माना गया कि ब्राह्मण कुल में जन्म लेना ही ज्ञान की विरासत का...
ब्राह्मण-ग्रंथों का अंत्यपरीक्षण (संदर्भ : श्रमणत्व और संन्यास, अंतिम भाग)
ओमप्रकाश कश्यप
तिकड़ी में शामिल करने के बावजूद शिव को देवलोक में नहीं बसाया गया। वैसे भी जब एक शूद्र...
ब्राह्मणवादी वर्चस्ववाद के खिलाफ था तमिलनाडु में हिंदी विरोध
ओमप्रकाश कश्यप
जस्टिस पार्टी और फिर पेरियार ने, वहां ब्राह्मणवाद की पूरी तरह घेरेबंदी कर दी थी। वस्तुत: राजभाषा और...
ब्राह्मण-ग्रंथों का अंत्यपरीक्षण (संदर्भ : श्रमणत्व और संन्यास, पहला भाग)
ओमप्रकाश कश्यप
जब कर्मकांड ब्राह्मणों की आजीविका और पद-प्रतिष्ठा का माध्यम बन गए, तो प्रवृत्तिमूलक शाखा को भारत की प्रधान...
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