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Pramod Indaliya
दलित सरकारी कर्मी ‘पे बैक टू सोसायटी’ का अनुपालन क्यों नहीं करते?
प्रमोद इंदलिया
‘शिक्षित बनो, संगठित रहो और संघर्ष करो’ का ऐतिहासिक नारा देने के तकरीबन चौदह साल बाद डॉ. आंबेडकर...
राजस्थान : मंदिर प्रवेश करने पर टीकाराम जूली का अपमान क्यों?
प्रमोद इंदलिया
जाति, हमारी सोच से ज्यादा शोषक बन चुकी है। इसलिए, इस पर बुनियादी रूप से दोबारा पुनर्विचार किया...
अनुसूचित जाति का उपवर्गीकरण, सुप्रीम कोर्ट के फैसले के उत्तरार्द्ध
प्रमोद इंदलिया
अगर फैसले के बाद आरक्षण का आधार अस्पृश्यता से हटकर आर्थिक तंगी बनता है, तो संभव है कि...
राजस्थान : लोकसभा चुनाव में जाति महत्वपूर्ण, मुद्दे गौण
प्रमोद इंदलिया
यहां चुनाव, लोकतंत्र का उत्सव नहीं, बल्कि जातीय-संघर्ष का अखाड़ा बन गया था। एक तरफ विभिन्न जातियों ने...