वर्ण-व्यवस्था रहेगी तो जाति को मिटाया नहीं जा सकता है। संतराम बीए का यह तर्क बिलकुल डॉ. आंबेडकर के तर्क से मेल खाता है। उनका भी दो टूक कहना था कि जो व्यक्ति या संगठन...
बुद्ध के विचारों से प्रेरित होकर पेरियार ने 27 मई, 1953 को ‘बुद्ध उत्सव’ के रूप में मनाने का आह्वान किया, जिसे उनके अनुयायियों ने पूरे तमिलनाडु में व्यापक रूप से अपनाया। अगले वर्ष पेरियार...
अपने श्रम का मूल्य जानना भी आपकी जिम्मेदारी है। श्रम और श्रमिक के महत्व, उसकी अपरिहार्यता के बारे में आपको समझना चाहिए। ऐसा लगता है कि आजकल के मजदूर नेता भी मजदूरों के महत्व, समाज...
सावित्रीबाई फुले ने अपने पति जोतीराव फुले के समाज सुधार के काम में उनका पूरी तरह सहयोग देते हुए एक परछाईं की तरह पूरे लगन और समर्पण के साथ काम की शुरुआत की, लेकिन इस...