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हमारे नायक

पेरियार : काशी में अपमान से तमिलनाडु में आत्मसम्मान आंदोलन तक
पेरियार कहते थे कि वंचितों को ठगने का काम मत करो, क्योंकि जो वैज्ञानिक विचारधारा है, जो विज्ञान को बढ़ाने वाली विचारधारा है, जो तर्क की विचारधारा है, वही वास्तव में वंचितों की मुक्ति का...
रामस्वरूप वर्मा : उत्तर भारत के आंबेडकर सरीखे नायक
आंबेडकर की तरह रामस्वरूप वर्मा के लेखन में धर्मशास्त्र और जातिवाद की तीखी आलोचना निहित है। वे जोर देकर कहते हैं कि ब्राह्मणवाद में सुधार की कोई गुंजाइश नहीं है। इसीलिए इसे समूल नष्ट किया...
मुकुंदराव पाटील : एक अद्वितीय सत्यशोधक, जिनकी लेखनी में थी तेज धार
राष्ट्रवादी जनांदोलन जोर पकड़ रहा था और उसकी सोच को विभिन्न मुद्रित प्रकाशन लोगों तक पहुंचा रहे थे। लेकिन एक छोटे-से परिवार का एक छोटा-सा अख़बार एक दूसरे किस्म की आज़ादी की बात कर रहा...
जानिए, बिहार को मद्रास क्यों बना देना चाहते थे जगदेव प्रसाद?
संसोपा से अलग होने के बाद समाज के नब्बे प्रतिशत शोषितों का निछक्का दल बनाने के लिए जगदेव प्रसाद आगे बढ़ते हैं। सबसे पहले शोषित दल का गठन करते हैं। वे दावा करते हैं कि...
जगदेव प्रसाद की शहादत का निहितार्थ
जगदेव प्रसाद की जब हत्या की गई तब वे दो बार विधायक और तीन सरकारों में मंत्री रह...
राधाकृष्णन नहीं, फुले दंपत्ति ही आदर्श और अनुकरणीय शिक्षक के सर्वश्रेष्ठ प्रतीक
डॉ. आंबेडकर ने अपनी किताब ‘जाति के विनाश’ और राहुल सांकृत्यायन ने अपनी किताब ‘दर्शन-दिग्दर्शन’ में राधाकृष्णन की...
हरी नरके को जैसा मैंने देखा
हरी नरके ने डॉ. आंबेडकर को प्रेरणा मानकर शिक्षा ग्रहण किया और वे बुद्धिमान विद्यार्थी के रूप में...
हरी नरके : एक ज्ञानकोश को अलविदा
फुले-शाहू-आंबेडकर की विचारधारा को पुख्ता सबूत और तथ्य के द्वारा सामने रखकर 19 साल की उम्र से ही...
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