गत 20 दिसंबर, 2012 को वी नारायणसामी, राज्य मंत्री, कार्मिक, जनशिकायत व पेंशन ने राज्यसभा में डॉ. ज्ञान प्रकाश पिलानिया के द्वारा किए गए एक सवाल के उत्तर में अन्य पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति की केंद्र सरकार की नौकरियों में उपस्थिति के बारे में जानकारी दी थी। ओबीसी, दिनांक 01.01.2011 तक निम्नवत था :
राज्य मंत्री ने राज्य सभा में लिखित उत्तर में बताया कि ”केन्द्र सरकार की सेवाओं में अखिल भारतीय स्तर पर खुली प्रतियोगिता द्वारा सीधी भर्ती में ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण प्रदान किया गया है। अखिल भारतीय स्तर पर खुली प्रतियोगिता के अतिरिक्त किसी और माध्यम से भर्ती के मामले में ओबीसी को 25.84 प्रतिशत आरक्षण प्रदान किया गया था। केंद्र सरकार की सेवाओं में ओबीसी का प्रतिनिधित्व अभी भी कम है, क्योंकि उनके लिए आरक्षण की व्यवस्था सितंबर, 1993 से शुरू की गई थी। इन वर्गों के जो सदस्य 1993 के पहले भर्ती हुए थे, उनकी भर्ती बतौर सामान्य उम्मीदवार की गई थी। अनुसूचित जातियों व जनजातियों के लिए पदोन्नति में आरक्षण का प्रावधान 1955 से उपलब्ध है।”
एससी, एसटी व ओबीसी का प्रतिनिधित्व दिनांक 1.1.2011 तक निम्नानुसार था :
(फारवर्ड प्रेस के मार्च 2013 अंक में प्रकाशित)
फारवर्ड प्रेस वेब पोर्टल के अतिरिक्त बहुजन मुद्दों की पुस्तकों का प्रकाशक भी है। एफपी बुक्स के नाम से जारी होने वाली ये किताबें बहुजन (दलित, ओबीसी, आदिवासी, घुमंतु, पसमांदा समुदाय) तबकों के साहित्य, सस्कृति व सामाजिक-राजनीति की व्यापक समस्याओं के साथ-साथ इसके सूक्ष्म पहलुओं को भी गहराई से उजागर करती हैं। एफपी बुक्स की सूची जानने अथवा किताबें मंगवाने के लिए संपर्क करें। मोबाइल : +917827427311, ईमेल : info@forwardmagazine.in