h n

हरियाणा में अनुसूचित जातियों के लिए पदोन्नति में आरक्षण

अनुसूचित जातियों में पिछड़ेपन के अध्ययन के लिए बनाई गई एक समिति की रपट स्वीकार करने के बाद, हरियाणा मंत्रिमंडल ने अनुसूचित जातियों को पदोन्नति में आरक्षण देने का निर्णय किया है

1चंडीगढ़। अनुसूचित जातियों में पिछड़ेपन के अध्ययन के लिए बनाई गई एक समिति की रपट स्वीकार करने के बाद, हरियाणा मंत्रिमंडल ने अनुसूचित जातियों को पदोन्नति में आरक्षण देने का निर्णय किया है। हरियाणा के वित्तमंत्री कैप्टन अभिमन्यु ने बताया कि अतिरिक्त मुख्य सचिव पी. राघवेंद्र राव की अध्यक्षता वाली समिति की रपट, सरकारी विभागों व सार्वजनिक क्षेत्र के प्रतिष्ठानों द्वारा उपलब्ध करवाये गये आंकड़ों पर आधारित है। समिति ने ग्रुप ए, बी, सी व डी के सभी 3,81,847 कर्मचारियों से संबंधित आंकड़ों का विस्तृत विश्लेषण किया और इस नतीजे पर पहुंची कि सरकारी सेवाओं में अनुसूचित जातियों का प्रतिनिधित्व, आबादी में उनके हिस्से की तुलना में कम है।

(फारवर्ड प्रेस के मार्च, 2015 अंक में प्रकाशित )


फारवर्ड प्रेस वेब पोर्टल के अतिरिक्‍त बहुजन मुद्दों की पुस्‍तकों का प्रकाशक भी है। एफपी बुक्‍स के नाम से जारी होने वाली ये किताबें बहुजन (दलित, ओबीसी, आदिवासी, घुमंतु, पसमांदा समुदाय) तबकों के साहित्‍य, संस्कृति व सामाजिक-राजनीति की व्‍यापक समस्‍याओं के साथ-साथ इसके सूक्ष्म पहलुओं को भी गहराई से उजागर करती हैं। एफपी बुक्‍स की सूची जानने अथवा किताबें मंगवाने के लिए संपर्क करें। मोबाइल : +919968527911, ईमेल : info@forwardmagazine.in

लेखक के बारे में

एफपी डेस्‍क

संबंधित आलेख

ब्राह्मण-ग्रंथों का अंत्यपरीक्षण (संदर्भ : श्रमणत्व और संन्यास, अंतिम भाग)
तिकड़ी में शामिल करने के बावजूद शिव को देवलोक में नहीं बसाया गया। वैसे भी जब एक शूद्र गांव के भीतर नहीं बस सकता...
ब्राह्मणवादी वर्चस्ववाद के खिलाफ था तमिलनाडु में हिंदी विरोध
जस्टिस पार्टी और फिर पेरियार ने, वहां ब्राह्मणवाद की पूरी तरह घेरेबंदी कर दी थी। वस्तुत: राजभाषा और राष्ट्रवाद जैसे नारे तो महज ब्राह्मणवाद...
फुले को आदर्श माननेवाले ओबीसी और मराठा बुद्धिजीवियों की हार है गणेशोत्सव
तिलक द्वारा शुरू किए गए इस उत्सव को उनके शिष्यों द्वारा लगातार विकसित किया गया और बढ़ाया गया, लेकिन जोतीराव फुले और शाहूजी महाराज...
ब्राह्मण-ग्रंथों का अंत्यपरीक्षण (संदर्भ : श्रमणत्व और संन्यास, पहला भाग)
जब कर्मकांड ब्राह्मणों की आजीविका और पद-प्रतिष्ठा का माध्यम बन गए, तो प्रवृत्तिमूलक शाखा को भारत की प्रधान अध्यात्म परंपरा सिद्ध करने के लिए...
तंगलान : जाति और उपनिवेशवाद का सच खोदती एक फिल्म
पारंपरिक लिखित इतिहास के हाशिए पर रहे समूहों को केंद्र में रखकर बनाई गई पा. रंजीत की नई फिल्म ‘तंगलान’ भारत के अतीत और...