लखनऊ। राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के अनुसार उत्तरप्रदेश में वर्तमान समाजवादी पार्टी की सरकार आने के बाद से राज्य में दलितों पर अत्याचार की घटनाओं में वृद्धि हुई है। आयोग के अध्यक्ष पी.एल. पूनिया ने कहा कि दलितों पर अत्याचार के कई मामले वर्षों से लंबित हैं, परंतु सरकार उन्हें निपटाने को प्राथमिकता नहीं दे रही है। पूनिया ने कहा कि उन्होंने सभी जिला दंडाधिकारियों व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों को निर्देश दिया है कि दलित अत्याचार संबंधी मामलों के त्वरित निपटाने के लिए अनुभागीय दंडाधिकारी दर्जे के एक अधिकारी की नियुक्ति की जाए। उन्होंने यह निर्देश भी दिया है कि इस तरह के मामलों को गंभीरता से लेकर उनका निवारण प्राथमिकता के आधार पर किया जाए। पूनिया ने कहा कि सभी वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों से कहा गया है कि वे थाना प्रभारियों को यह निर्देश दें कि इस तरह के मामलों में एफआईआर तुरंत दर्ज की जाए और इसमें चूक करने वाले अधिकारी दंडित हों। उन्होंने कहा कि कानपुर शहर के 66 में 38, कानपुर देहात के 20 में से 15, औरैया के 20 में से 13, फर्रूखाबाद के 4 में से 2 और कन्नौज के 8 में 6 मामलों का निवारण कर दिया गया है।
(फारवर्ड प्रेस के मार्च, 2015 अंक में प्रकाशित )
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