h n

रिव्यू पिटिशन खारिज होने पर लाएंगे अध्यादेश, नियुक्ति पर लगेगी रोक : जावड़ेकर

केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने राज्यसभा में बयान दिया है कि सरकार सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दाखिल करेगी। याचिका खारिज होने की स्थिति में वह अध्यादेश लाएगी और तब तक विश्वविद्यालयों में नियुक्तियों पर रोक लगी रहेगी

विश्वविद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति में आरक्षण के प्रावधान को लेकर केंद्र सरकार ने अहम बयान दिया है। राज्यसभा में 8 फरवरी 2019 को केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने साफ कहा कि सरकार विभागवार 13 प्वाइंट रोस्टर संबंधी सुप्रीम कोर्ट के फैसले को बड़े बेंच में चुनौती देगी। यदि सुप्रीम कोर्ट में इसे खारिज कर दिया गया तब सरकार अध्यादेश ला सकती है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि जब तक ऐसा नहीं होता है तब तक विश्वविद्यालयों में नयी नियुक्तियों पर रोक लगायी जाएगी।

जावड़ेकर का यह बयान तब सामने आया है जब संसद के दोनों सदनों में विपक्षी दलों के द्वारा इस मुद्दे को लेकर हंगामा किया जा रहा था। उनके बयान के बाद से अब इस मामले में विवाद थमने की उम्मीद है।

केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर

बताते चलें कि 22 जनवरी 2019 को सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में 2017 में इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा दिए गए फैसले को चुनौती देने वाली केंद्र सरकार की पुनर्विचार याचिका को खारिज कर दिया था। अपने फैसले में हाईकोर्ट ने विश्वविद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति के संबंध में कहा था कि आरक्षण का आधार विश्वविद्यालयों के बजाय विभागों को बनाया जाय। इसके आधार पर 5 मार्च 2018 को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने सर्कूलर जारी किया था, जिसका पूरे देश में व्यापक विरोध हुआ था। इसी विरोध के मद्देनजर केंद्र सरकार और यूजीसी ने सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल की थी।

(कॉपी संपादन : एफपी डेस्क)


फारवर्ड प्रेस वेब पोर्टल के अतिरिक्‍त बहुजन मुद्दों की पुस्‍तकों का प्रकाशक भी है। एफपी बुक्‍स के नाम से जारी होने वाली ये किताबें बहुजन (दलित, ओबीसी, आदिवासी, घुमंतु, पसमांदा समुदाय) तबकों के साहित्‍य, सस्‍क‍ृति व सामाजिक-राजनीति की व्‍यापक समस्‍याओं के साथ-साथ इसके सूक्ष्म पहलुओं को भी गहराई से उजागर करती हैं। एफपी बुक्‍स की सूची जानने अथवा किताबें मंगवाने के लिए संपर्क करें। मोबाइल : +917827427311, ईमेल : info@forwardmagazine.in

फारवर्ड प्रेस की किताबें किंडल पर प्रिंट की तुलना में सस्ते दामों पर उपलब्ध हैं। कृपया इन लिंकों पर देखें

मिस कैथरीन मेयो की बहुचर्चित कृति : मदर इंडिया

बहुजन साहित्य की प्रस्तावना 

दलित पैंथर्स : एन ऑथरेटिव हिस्ट्री : लेखक : जेवी पवार 

महिषासुर एक जननायक’

महिषासुर : मिथक व परंपराए

जाति के प्रश्न पर कबी

लेखक के बारे में

एफपी डेस्‍क

संबंधित आलेख

उत्तर प्रदेश में लड़ रही हैं मायावती, लेकिन सवाल शेष
कई चुनावों के बाद लग रहा है कि मायावती गंभीरता से चुनाव लड़ रही हैं। चुनाव विश्लेषक इसकी अलग-अलग वजह बता रहे हैं। पढ़ें,...
वोट देने के पहले देखें कांग्रेस और भाजपा के घोषणापत्रों में फर्क
भाजपा का घोषणापत्र कभी 2047 की तो कभी 2070 की स्थिति के बारे में उल्लेख करता है, लेकिन पिछले दस साल के कार्यों के...
शीर्ष नेतृत्व की उपेक्षा के बावजूद उत्तराखंड में कमजोर नहीं है कांग्रेस
इन चुनावों में उत्तराखंड के पास अवसर है सवाल पूछने का। सबसे बड़ा सवाल यही है कि विकास के नाम पर उत्तराखंड के विनाश...
मोदी के दस साल के राज में ऐसे कमजोर किया गया संविधान
भाजपा ने इस बार 400 पार का नारा दिया है, जिसे संविधान बदलने के लिए ज़रूरी संख्या बल से जोड़कर देखा जा रहा है।...
केंद्रीय शिक्षा मंत्री को एक दलित कुलपति स्वीकार नहीं
प्रोफेसर लेल्ला कारुण्यकरा के पदभार ग्रहण करने के बाद राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) की विचारधारा में आस्था रखने वाले लोगों के पेट में...