लंबी सियासी उठापटक के बाद महाराष्ट्र में सरकार का गठन हो गया है। शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस के बीच चुनाव बाद हुए गठबंधन की सरकार के मुखिया बने हैं शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे। उनके साथ तीनों दलों के 2-2 मंत्रियों को मंत्रिपरिषद में शामिल किया गया है। खास बात यह है कि उद्धव ठाकरे सरकार के मंत्रिपरिषद में कोई ब्राह्मण जाति से शामिल नहीं किया गया है। यहां तक कि कांग्रेसी विधायक नाना पटोले, जिन्हें महाराष्ट्र विधानसभा का अध्यक्ष बनाया गया है, वे भी ओबीसी समुदाय (कुनबी) से आते हैं। सियासी गलियारे में इसे लेकर चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है।
इसका असर शपथ ग्रहण समारोह में भी दिखा। उद्धव ठाकरे मंत्रिमंडल में शामिल छगन भुजबल ने जोतीराव फुले, शाहूजी महाराज, डॉ. भीमराव आंबेडकर और सावित्रीबाई फुले के नाम पर शपथ ग्रहण किया। वहीं नीतिन राउत ने तथागत बुद्ध को नमन करते हुए मंत्री पद की शपथ ली।
नए मंत्रिपरिषद में शामिल सदस्यों की सामाजिक पृष्ठभूमि यह बताती है कि ‘ऊंची’ जातियों के वर्चस्व का दौर अब ढलान पर है। ‘ऊंची’ जातियों का स्थान इस बार मराठा समुदाय ने ले लिया है। मंत्रिपरिषद के सात सदस्यों में से चार इसी समुदाय के हैं। जातिवार बात करें तो मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे स्वयं कायस्थ जाति से आते हैं। इस संबंध में महाराष्ट्र में ओबीसी के हक-हुकूक के लिए आंदोलनरत श्रवण देवरे बताते हें कि उनके प्रांत में कायस्थ जाति के लोग भले ही स्वयं को ब्राह्मण मानते हैं, लेकिन ब्राह्मण उन्हें ब्राह्मण नहीं मानते हैं।

गौर तलब है कि मंडल कमीशन से पहले काका कालेलकर आयोग ने अपनी रिपोर्ट में कायस्थ जाति को पिछड़ा वर्ग में शामिल किया था।
उद्धव ठाकरे मंत्रिपरिषद के सदस्य और उनकी जाति
नाम | पार्टी | जाति |
---|---|---|
उद्धव ठाकरे | शिवसेना | कायस्थ |
एकनाथ शिंदे | शिवसेना | मराठा |
सुभाष देसाई | शिवसेना | मराठा |
छगन भुजबल | राकांपा | ओबीसी |
जयंत पाटिल | राकांपा | मराठा |
नीतिन राउत | कांग्रेस | अनुसूचित जाति |
बालासाहब थोराट | कांग्रेस | मराठा |
उद्धव ठाकरे की पार्टी शिवसेना की ओर से जिन दो मंत्रियों को कबीना मंत्री बनाया गया है, उनमें एकनाथ शिंद और सुभाष देसाई शामिल हैं। इन दोनों की सामाजिक पृष्ठभूमि मराठा है। महाराष्ट्र विकास आघाड़ी के दूसरे घटक दल राकांपा की ओर से महाराष्ट्र में ओबीसी राजनीति के चैंपियन माने जाने वाले छगन भुजबल मंत्रिपरिषद में शामिल हैं। जबकि जयंत पाटिल मराठा। कांग्रेस की ओर से शामिल मंत्रियों में नीतिन राउत अनुसूचित जाति के हैं तो बालासाहब थोराट मराठा। इस प्रकार तीनों दलों ने मराठा जाति को अहम माना है।

हालांकि श्रवण देवरे का मानना है कि वर्तमान सरकार को अभी ब्राह्मण मुक्त सरकार की संज्ञा नहीं दी जा सकती है। इसकी वजह यह कि जल्द ही मंत्रिपरिषद का विस्तार होगा और ब्राह्मणों को भी जगह मिल सकेगी। लेकिन, इतना तो कहा ही जा सकता है कि अब उनकी स्थिति हैसियत पूर्ववत नहीं होगी।
(कॉपी संपादन : सिद्धार्थ)
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