बहुजन साप्ताहिकी
देश की राजनीति में उत्तर प्रदेश का खास महत्व है। वहां आसन्न चुनाव को लेकर सरगर्मियां तेज हो गई हैं। प्रदेश भाजपा में भी सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। योगी आदित्यनाथ की कुर्सी को लेकर भाजपा के वरिष्ठ नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने मोर्चा खोल रखा है। वहीं उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य भी उनसे नाराज चल रहे हैं। बीते 23 जून, 2021 को उनकी नाराजगी दूर करने के लिए योगी आदित्यनाथ उनके घर खीर खाने पहुंचे। बीते साढ़े चार वर्षों में यह पहला अवसर रहा जब योगी आदित्यनाथ केशव प्रसाद मौर्य के घर पहुंचे। बताते चलें कि दोनों के सरकारी आवासों के बीच महज 120 मीटर का फासला है। योगी आदित्यनाथ लखनऊ के 5, कालीदास मार्ग बंगले में रहते हैं जबकि केशव प्रसाद मौर्य 7, कालीदास बंगले में। मुख्यमंत्री को खीर खिलाने के बाद केशव प्रसाद मौर्य ने उन्हें दक्षिणा भी दी। सनद रहे कि इससे पहले प्रदेश भाजपा की बैठक की एक तस्वीर सुर्खियों में रही, जिसमें ओबीसी (पिछड़ा वर्ग) से आने वाले उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को फाइबर की कुर्सी पर बिठाया गया जबकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, प्रदेश भाजपा प्रभारी राधामोहन सिंह, दूसरे उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा व अन्य लकड़ी की कुर्सियों पर विराजमान थे।
केरल : पितृसत्ता के दबाव में एमसी जोसेफाइन को देना पड़ा इस्तीफा?
गत 25 जून को केरल महिला आयोग की अध्यक्ष एमसी जोसेफाइन को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा। इससे पहले केरल की वामपंथी पिनाराई विजयन सरकार ने उनसे इस्तीफा मांगा। उनके उपर आरोप है कि एक टीवी शो के दौरान उन्होंने एक महिला से बेरूखी से बात की। हालांकि दबाव में आकर एमसी जोसेफाइन ने अपने व्यवहार के लिए खेद भी प्रकट किया। दरअसल, टीवी शो के दौरान शिकायतकर्ता महिला ने अपने पति और सास-ससुर पर घरेलू हिंसा करने का आरोप लगाया था। इस पर एमसी जोसेफाइन ने उनसे पूछा कि क्या आपने अपने पति, सास व ससुर के खिलाफ थाने में प्राथमिकी दर्ज कराया है? इसके जवाब में शिकायत करने वाली महिला ने नकारात्मक जवाब दिया। इस पर एमसी जोसेफाइन ने कहा कि यदि आपने अपने उपर हुए जुल्म के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज नहीं करायी तो भुगतिए।

इस बात को लेकर केरल में हंगामा मच गया। बात वामपंथी दलों के शीर्ष नेताओं तक पहुंची और एमसी जोसेफाइन को पहले माफी मांगने के लिए कहा गया। फिर भी विरोध शांत न हुआ तो पिनाराई विजयन सरकार ने उनसे इस्तीफा मांगा। बाद में उन्होंने इस्तीफा दे भी दिया।
अब यह सवाल भी उठता है कि क्या अब भी भारतीय समाज में लोगों को किसी महिला द्वारा घरेलू हिंसा के मामले में प्राथमिकी दर्ज कराना नागवार गुजरता है?
आरक्षण पर खतरे के विषय पर ऑनलाइन संगाेष्ठी
देश में आरक्षण पर सवाल खड़े किए जा रहे हैं। वहीं इसके क्रियान्वयन में आनाकानी भी की जा रही है। इन सवालों को लेकर सामाजिक परिवर्तन गठबंधन ने एक ऑनलाइन संगोष्ठी का आयोजन किया है। संगोष्ठी का विषय “आरक्षण पर विविध आक्रमण – मुद्दे एवं समाधान” रखा गया है। यह संगोष्ठी 27 जून, 2021 (रविवार) को सुबह साढ़े आठ बजे से आयोजित होगी। इसकी अघ्यक्षता राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के पूर्व अध्यक्ष व आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश जस्टिस वी. ईश्वरैय्या करेंगे। राष्ट्रीय न्यायिक अकादमी के पूर्व निदेशक प्रो. मोहन गोपाल मुख्य वक्ता होंगे। इनके अलावा सांसद विशम्भर प्रसाद निषाद, पैगाम के अध्यक्ष तेजेंद्र सिंह झेली, राष्ट्रीय ओबीसी महासभा के सदस्य बामन राव तायवडे, बामसेफ के पूर्व अध्यक्ष बी. डी. बोरकर आदि भी संगोष्ठी को संबोधित करेंगे। इस ऑनलाइन संगोष्ठी में भाग लेने के लिए इस लिंक का उपयोग किया जा सकता है– https://meet.google.com/rpr-vchm-ozv
झारखंड : रूपा तिर्की की संदिग्ध मौत मामले की सुनवाई दिल्ली में
साहिबगंज महिला थाना की प्रभारी दारोगा रूपा तिर्की की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत मामले की जांच के लिए राज्य सरकार द्वारा गठित न्यायिक आयोग दिल्ली में सुनवाई करेगी। कल 25 जून को इस एक सदस्यीय आयोग के अध्यक्ष व झारखंड हाई कोर्ट के पहले मुख्य न्यायाधीश रहे विनोद कुमार गुप्ता ने राज्य के पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक की। आयोग द्वारा देर शाम को बताया गया कि आयोग का एक दफ्तर रांची के कांके रोड और एक दफ्तर दिल्ली के खान मार्केट इलाके में स्थापित किया गया है। आगामी 28 जून को आयोग सुनवाई शुरु करेगी। इस संबंध में रूपा तिर्की की मां ने फारवर्ड प्रेस से बातचीत में कहा कि उन्हें अपना पक्ष रखने के लिए दिल्ली बुलाया गया है।
तेलंगाना में दलित महिला की पुलिस हिरासत में मौत, मानवाधिकार आयोग से गुहार
बीते 18 जून, 2021 को तेलंगाना के अड्डागुडूर पुलिस थाने में एक दलित महिला अंबतिपूडि मरियम्मा की मौत हो गई। उसे दो लाख रुपए की चोरी के मामले में हिरासत में लिया गया था। इस संबंध में बी. कार्तिक नारायण नामक एक अधिवक्ता, जो समता सैनिक दल के विधिक सलाहकार हैं, ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग से शिकायत की है। आयोग को भेजे अपने पत्र में उन्होंने बताया है कि अंबतिपूडि मरियम्मा की मौत पुलिस की पिटाई से हुई है। वह गाेविंदपूरम नामक एक गांव में स्थानीय चर्च के पादरी बालास्वामी के घर में काम करती थी। बालास्वामी ने अड्डागुडूर थाने में बीते 15 जून को अपने घर से दो लाख रुपए की चोरी का मामला दर्ज कराया था। इस मामले में कार्रवाई करते हुए पुलिस ने 17 जून को मरियम्मा को खम्माम जिले के उसके गांव से गिरफ्तार कर अड्डागुडूर थाना लाया गया था। मरियम्मा की पुलिस हिरासत में मौत पर स्थानीय लोगों ने सवाल खड़ा किया है।
(संपादन : अनिल)
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