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बहुजन साप्ताहिकी : भंगी समाज का अपमान करने के आरोपी युवराज को राहत नहीं

पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट की जस्टिस अमोल रतन सिंह की खंडपीठ ने युवराज की यह दलील खारिज कर दी कि भंगी शब्द का प्रयोग भांग पीने वालों के लिए होता है। बहुजन साप्ताहिकी के तहत इस बार पढ़ें इस खास खबर के अलावा बिहार के नवादा जिले की एक खबर, जिसमें ओबीसी समाज की एक महिला को डायन के आरोप में पेट्रोल डालकर जला दिया गया

भंगी समाज का अपमान करने के आरोपी भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व सदस्य युवराज सिंह को पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है। पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट की जस्टिस अमोल रतन सिंह की खंडपीठ ने युवराज की यह दलील खारिज कर दी कि भंगी शब्द का प्रयोग भांग पीने वालों के लिए होता है। अब इस मामले में युवराज सिंह के खिलाफ हिसार की अनुसूचित जाति व जनजाति अत्याचार अधिनियम के तहत स्थापित विशेष अदालत में मुकदमा चलेगा तथा उन्हें हर पेशी पर अदालत में हाजिर होना होगा। इस आशय की जानकारी सामाजिक कार्यकर्ता व इस मामले में याचिकाकर्ता रजत कल्सन ने दी है। 

उन्होंने बताया कि युवराज सिंह द्वारा एक दायर याचिका की गयी थी, जिसमें उन्होंने खुद के खिलाफ थाना शहर हांसी, हिसार में दर्ज मुकदमे को खारिज करने की मांग की थी। लेकिन हाईकोर्ट के आदेश अनुसार युवराज सिंह के खिलाफ एससी-एसटी एक्ट में मुकदमा चलेगा। हालांकि हाईकोर्ट ने युवराज सिंह को कुछ राहत देते हुए मुकदमे में लगी धारा 153 ए को हाईकोर्ट ने हटा दिया है। 

युवराज सिंह, पूर्व सदस्य, भारतीय क्रिकेट टीम

बताते चलें कि युवराज सिंह ने अपने साथी क्रिकेटर रोहित शर्मा तथा यूज़वेंद्र चहल से इंस्टाग्राम पर लाइव वीडियो चैटिंग करते हुए अनुसूचित जाति समाज के लिए अपमानजनक टिप्पणी की थी। पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट ने युवराज सिंह को उनके खिलाफ दर्ज मामले में पहले ही अग्रिम जमानत दे रखी है तथा वह हांसी पुलिस की जांच में शामिल हो चुके हैं। इसके अलावा हांसी पुलिस द्वारा युवराज सिंह को औपचारिक रूप से गिरफ्तार किया जा कर अंतरिम बेल पर छोड़ा जा चुका है। रजत के मुताबिक, अब युवराज सिंह के खिलाफ हांसी पुलिस हिसार की विशेष अदालत में चार्जशीट दायर करेगी । 

यह भी पढ़ें : भंगी या चमार होना कोई गुनाह नहीं है युवराज सिंह

रजत ने यह भी बताया कि ‘तारक मेहता का उल्टा चश्मा’ फेम अभिनेत्री मुनमुन दत्ता तथा बॉलीवुड अभिनेत्री युविका चौधरी के खिलाफ भी अब हंसी पुलिस के लिए युवराज सिंह युविका चौधरी तथा मुनमुन दत्ता के खिलाफ विशेष अदालत में चार्जशीट पेश करने का रास्ता साफ हो गया है। इन दोनों के उपर अलग-अलग यूट्यूब वीडियो में भंगी शब्द का उपयोग जातिगत पूर्वाग्रह से करने का आराेप है।

बिहार : डायन के आरोप में ओबीसी समाज की महिला को जिंदा जलाया

मामला बिहार के नवादा जिले का है। एक ओबीसी समाज की महिला को डायन के आरोप में जिंदा जला दिया गया। बुरी तरह जल चुकी महिला जान बचाने के लिए तालाब में कूद गयी और उसकी मौत हो गई। यह लोमहर्षक घटना बीते 16 फरवरी को नवादा जिले के रजौली थाना अंतर्गत सवैयाटांड पंचायत के गोरियाडीह गांव में घटित हुई। झारखंड और बिहार की सीमा पर अवस्थित इस इलाके में भूत-प्रेत व डायन आदि अंधविश्वास की वजह से महिलाओं पर होनेवाले अत्याचारों में बढ़ोत्तरी हुई है।

घटना के संबंध में स्थानीय लोगों के मुताबिक करीब एक सप्ताह पहले गांव के ही एक नवयुवक की मौत बीमारी के कारण हो गई थी। गांववालों ने उसकी असमय मौत के लिए गांव के महेश सिंह की पत्नी सरिता देवी (35 वर्ष) को जिम्मेदार माना। मृतक युवक के उपर डायन करने का आरोप लगाते हुए गांव के लोगों ने सरिता देवी के घर पर हमला बोला। वहां उसके पति और अन्य परिजनों के साथ मारपीट की। बाद में उनकी पकड़ में आयी सरिता देवी को मारते-पीटते वे गांव के बीचों-बीच ले गए तथा उसके उपर पेट्रोल डालकर आग लगा दी। इस घटना में बुरी तरह झुलस चुकी सरिता देवी ने गांव के ही तालाब में छलांग लगा दी और उसकी मौत हो गई। रजौली थाना प्रभारी के मुताबिक इस मामले की जांच चल रही है।

महाराष्ट्र : एनएसई की पूर्व सीईओ चित्रा रामकृष्ण ने कबूला अंधविश्वास का आरोप 

अंधविश्वास का विस्तार कारपोरेट जगत में भी है। देश के प्रमुख वित्तीय संस्थानों में एक नेशनल स्टॉक एक्सचेंज की पूर्व सीईओ चित्रा रामकृष्ण ने यह स्वीकार कर लिया है कि वह एक योगी के संपर्क में थीं तथा उनसे सलाह मशविरा लेकर ही निर्णय लेती थीं। इस आशय की जानकारी तब सामने आयी जब उनके खिलाफ 2015 से चल रही जांच की रपट भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने जारी की। जांच के दौरान यह तथ्य सामने आया कि उन्होंने ‘रिम्यार्जुन सामा ‍@ आउटलुक डॉट कॉम’ ईमेल के जरिए महत्वपूर्ण सूचनाएं साझा की गयी हैं। इस संबंध में जब उनसे पूछताछ की गई तब उन्होंने यह कबूल किया कि एनएसई की सीईओ रहते हुए उन्होंने एक योगी के साथ सूचनाएं साझा की तथा उनसे परामर्श लिया। वहीं योगी के संबंध में उन्होंने बताया कि वह (योगी) हिमालय में कहीं रहते हैं।

(संपादन : अनिल)


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लेखक के बारे में

नवल किशोर कुमार

नवल किशोर कुमार फॉरवर्ड प्रेस के संपादक (हिन्दी) हैं।

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