पुस्तक समीक्षा
बहुत समय नही गुज़रा जब भारत में अकाल में स्थानीय आबादी का एक-तिहाई हिस्सा काल कवलित हो जाता था। सन् 1866 में उड़ीसा में एक भयावह अकाल पड़ा था। वह एक ‘होन्टिंग ट्रेजेडी’ (लम्बे समय तक याद रहने वाली त्रासदी) थी। और यही बिद्युत मोहंती की इस विषय पर लिखी गई विचारोत्तेजक पुस्तक का शीर्षक है।