महाराष्ट्र सरकार द्वारा सभी पिछड़े वर्गों और अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति वर्ग के आरक्षण को खतरे में डालने वाली दो अधिसूचनाओं को वापस लेने और जाति-वार जनगणना कराने की मांग को लेकर महाराष्ट्र में आरक्षण बचाओ आंदोलन किया जा रहा है। गत 7 फरवरी, 2024 को राज्य के चंद्रपुर में एक विरोध प्रदर्शन किया गया। इस आशय की जानकारी राष्ट्रीय ओबीसी महासंघ के राष्ट्रीय महासचिव सचिन राजुरकर ने दी।
प्रदर्शन में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार और अजीत पवार समूह), शिव सेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे समूह), गोंडवाना गणतंत्र पार्टी, महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना, यंग चंदा ब्रिगेड, आम आदमी पार्टी, भारतीय जनता पार्टी, किसान संगठन जन विकास सेना समेत कई पार्टियों के नेता व कार्यकर्ता शामिल हुए। प्रदर्शन का नेतृत्व महिलाओं ने किया।
सचिन राजुरकर ने बताया कि विरोध प्रदर्शन में बड़ी संख्या में लोग शरीक हुए। प्रदर्शन शहर के गांधी चौक से निकला और समाहरणालय तक पहुंचा। प्रदर्शन के बाद जिलाधिकारी को एक ज्ञापन भी सौंपा गया।
राजुरकर ने बताया कि विरोध प्रदर्शन में अनुसूचित जाति और घुमंतू जातियों के विभिन्न संगठनों ने भी भाग लिया। प्रदर्शन के दौरान विभिन्न राजनीतिक दलों और सामाजिक संगठनों ने जगह-जगह पंडाल लगाकर लोगों का स्वागत किया और अपना समर्थन दिया।

राजुरकर ने बताया कि महाराष्ट्र सरकार ने आरक्षण को लेकर 27 दिसंबर, 2023 और 26 जनवरी, 2024 को दो अधिसूचनाएं जारी की। यदि ये अधिसूचनाएं वास्तव में लागू हो गईं तो फर्जी जाति प्रमाण पत्र और फर्जी जाति वैधता प्रमाण पत्र मिलना संभव हो जाएगा, जिससे आरक्षित वर्गों – अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति और पिछड़ा वर्ग – की हकमारी होगी।
इस अवसर पर अनुसूचित जनजाति का प्रतिनिधित्व प्रमोद बोरिकर और अनुसूचित जाति का प्रतिनिधित्व नाभा वाघमारे ने किया। प्रदर्शन के बाद जनसभा को संबोधित करनेवालों में विधानसभा में विपक्ष के नेता विजय वडेट्टीवार, चंद्रपुर के विधायक किशोर जोरगेवार के अलावा वरोरा की विधायक प्रतिभा धानोरकर भी शामिल रहीं। उन्होंने दोनों अधिसूचना को रद्द कराने के लिए विधानसभा में अपनी पूरी ताकत से लड़ने का वादा किया।
प्रदर्शन में दिनेश चोखरे, नंदू नागरकर, जयदीप रोडे, सतीश भिवागड़े, मनीषा बोबडे, बेबीताई उइके, डॉ. दिलीप कांबले, प्रवीण खोबरागड़े, पांडुरंग टोंगे, अनिल धानोरकर, विलास माथनकर, जितेश कुलमेथे, विजय मडावी, कृष्णा मसराम, रवीन्द्र टोंगे, विजय बाल्की, प्रेमानंद जोगी, पांडुरंग टोंगे, सूर्यकांत खनके, प्रोफेसर अनिल शिंदे, भोला मडावी, राजा अदकिने, अवधूत कोटेवार, अमोल घोड़मारे आदि की अहम भूमिका रही।
(संपादन : राजन/नवल/अनिल)
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