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प्रधानमंत्री के नए ‘डायलॉग’ का इंतजार कर रहा है बिहार!

बिहार भाजपा की परेशानी यह है कि आज की तारीख में ऐसा कोई नेता नहीं है जो चुनाव में पार्टी का नेतृत्व कर सके। ऐसे में अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही एकमात्र विकल्प हैं जो बिहार के चुनाव का चेहरा बनें! यही वजह है कि पाकिस्तान के खिलाफ ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का प्रचार-प्रसार और ‘रोड शो’ बिहार में भी आयोजित होने जा रहा है। बता रहे हैं हेमंत कुमार

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वागत के लिए पटना को खास रूप से सजा दिया गया है। उनके बड़े-बड़े कटआउट्स और पोस्टर राजधानी के प्रमुख चौक-चौराहों पर लगा दिए गए हैं। प्रधानमंत्री कल 29 मई को दो दिवसीय दौरे पर बिहार आ रहे हैं। पोस्टरों पर लिखे नारों से लग रहा है कि उनके बिहार दौरे का ‘थीम’ है– देश, सिंदूर, बिहार और विकास! पटना में भाजपा के प्रदेश कार्यालय के सामने लगे पोस्टर पर लिखा है– ‘न देश झुकेगा, न बिहार का विकास रूकेगा!’ दूसरे पोस्टर पर लिखा है— ‘जो सिंदूर मिटाने निकले थे, उन्हें मिट्टी में मिलाया है!’

सनद रहे कि गुजरात के कच्छ में पाकिस्तान के खिलाफ आक्रामक तेवर में प्रधानमंत्री ने कहा था– “उन्हें सुख-चैन की जिंदगी जीनी है और रोटी खानी है, नहीं तो मेरी गोली तो है ही।” अब देखना है कि प्रधानमंत्री बिहार में कौन-सा डायलॉग बोलते हैं।

पिछले महीने 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 26 पर्यटकों की हत्या की घटना के बाद प्रधानमंत्री का यह दूसरा बिहार दौरा है। इससे पहले वे 24 अप्रैल को मधुबनी में पंचायतीराज विभाग की ओर से आयोजित कार्यक्रम में पहुंचे थे। तब देश शोक में डूबा था। शोक के माहौल में प्रधानमंत्री का दौरा और सभा मंच पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ हंसी-मजाक देखकर विपक्षी दलों ने आलोचना की थी। प्रधानमंत्री ने तब कहा था “आतंकियों और हमले की साज़िश रचने वालों को उनकी कल्पना से भी बड़ी सजा मिलेगी।” उस सभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री अचानक अंग्रेजी बोलने लगे थे। तब मीडिया के एक हिस्से ने कहा था कि मोदीजी मधुबनी की धरती से इंटरनेशनल आडियंस को भी संबोधित करना चाह रहे थे। इसीलिए उन्होंने कुछ बातें अंग्रेजी में कहीं। मधुबनी की उस सभा के दौरान प्रधानमंत्री ने बिहार के लिए 13,480 करोड़ रुपये से अधिक की विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया था।

मधुबनी की सभा के बाद अपनी दूसरी बिहार यात्रा पर 29 मई को पटना पहुंच रहे प्रधानमंत्री लोकनायक जयप्रकाश नारायण अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट से वीरचंद पटेल पथ पर स्थित बिहार भाजपा कार्यालय तक ‘रोड शो’ करेंगे। इससे पहले वे एयरपोर्ट के नए टर्मिनल का उद्घाटन करेंगे और बिहटा एयरपोर्ट का शिलान्यास करेंगे। ‘रोड शो’ के बाद पार्टी दफ्तर में भाजपा नेताओं से मीटिंग करेंगे। वहां से निकलर राजभवन जाएंगे। रात्रि विश्राम राजभवन में ही करेंगे। अगली सुबह 30 मई को प्रधानमंत्री रोहतास जिले के बिक्रमगंज में आयोजित सभा को संबोधित करेंगे। उस सभा के दौरान 48,520 करोड़ की विकास योजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन करेंगे।

बिहार भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डा. दिलीप जायसवाल के मुताबिक प्रधानमंत्री अगले महीने जून में भी बिहार आएंगे। प्रधानमंत्री का ताबड़तोड़ बिहार दौरा चुनावी साल में चल रहे बिहार के लिए खास है। इस अक्टूबर-नवंबर में बिहार में विधानसभा के चुनाव होने है। भाजपा करीब बीस सालों से नीतीश कुमार के सहारे बिहार की सत्ता पर काबिज है। क्राइम, करप्शन और कम्युनलिज्म से कभी समझौता नहीं करने का दावा करने वाले नीतीश कुमार राजधानी पटना समेत पूरे बिहार में दिनदहाड़े हो रही अपराध की बड़ी घटनाओं को लेकर विपक्ष के निशाने पर हैं। राज्य में चल रही मेगा प्रोजेक्ट्स में हजारों करोड़ के टेंडर घोटाले, पेपर लीक गिरोह से नौकरशाहों और नेताओं की मिलीभगत पर सरकार की घेराबंदी हो रही है। सांप्रदायिक सौहार्द्र बिगाड़ने की घटनाओं पर नीतीश कुमार की चुप्पी और वक्फ विधेयक पर केंद्र सरकार का समर्थन जैसे मुद्दों ने मुसलमानों के बीच नीतीश की लोकप्रियता कम की है।

पटना में भाजपा के प्रदेश कार्यालय के आगे लगाए गए पोस्टर

इसके अलावा नीतीश कुमार का मानसिक स्वास्थ्य भी भाजपा की सबसे बड़ी चिंता है। नीति आयोग की बैठक में नीतीश कुमार का नहीं जाना और फिर एनडीए के मुख्यमंत्रियों की बैठक बीच में ही छोड़कर निकल जाना। इन दो घटनाओं की वजह से नीतीश अभी सुर्खियों में थे। कुछ लोग चर्चा कर रहे थे कि नीतीश स्वस्थ होकर पुराने फॉर्म में लौट रहे हैं। लेकिन अगले ही दिन पटना में एक कार्यक्रम के दौरान नीतीश ने शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डा. एस. सिद्धार्थ के माथे पर पौधे का गमला रख दिया। सिद्धार्थ ने छोटे गमले में लगा एक पौधा मुख्यमंत्री को भेंट किया था। इसके बाद चर्चा फिर से नीतीश कुमार के ‘मेंटल हेल्थ’ पर केंद्रित हो गई है। ऐसे में बिहार में अपना मुख्यमंत्री और अपनी सरकार बनाने का सपना संजोए बैठी भाजपा नीतीश के भरोसे नहीं रहना चाहती है। वह बस इतना चाहती है कि नीतीश भाजपा के साथ दिखें। लेकिन चुनाव भाजपा अपने ढंग से लड़े। बिहार भाजपा की परेशानी यह है कि आज की तारीख में ऐसा कोई नेता नहीं है जो चुनाव में पार्टी का नेतृत्व कर सके। ऐसे में अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही एकमात्र विकल्प हैं जो बिहार के चुनाव का चेहरा बनें!

यही वजह है कि पाकिस्तान के खिलाफ ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का प्रचार-प्रसार और ‘रोड शो’ बिहार में भी आयोजित होने जा रहा है। देश-प्रेम, सेना का शौर्य, सैनिकों की शहादत इन मुद्दों के सहारे लोगों में जोश भरा जाना है। साथ-साथ विकास की योजनाओं का बखान करना है।

लेकिन देखने वाली बात यह होगी कि पटना में रोड शो और बिक्रमगंज की सभा में नीतीश क्या बोलते हैं! कोई ऐसी-वैसी हरकत तो नहीं करते हैं। सबसे अव्वल तो नरेंद्र मोदी नीतीश कुमार के बारे में क्या कहते हैं, क्योंकि अब तक नीतीश को लेकर भाजपा ने आधिकारिक रूप से कुछ नहीं कहा है। क्या नीतीश मुख्यमंत्री का चेहरा होंगे या एकनाथ शिंदे की गति को प्राप्त करेंगे? यह एक ऐसा सवाल है जो बिहार चुनाव में दूर तक असर डालेगा!

(संपादन : राजन/नवल/अनिल)

लेखक के बारे में

हेमंत कुमार

लेखक बिहार के वरिष्ठ पत्रकार हैं

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