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हमारे नायक

सन् 1938 का महिला सम्मलेन, जिसमें रामासामी को स्त्रियों ने दी ‘पेरियार’ की उपाधि
महिलाएं केवल पेरियार की प्रशंसक नहीं थीं। वे सामाजिक मुक्ति के उनके आंदोलन में शामिल थीं, उसमें भागीदार थीं। उनके नेतृत्व में सम्मलेन का आयोजन इस बात का प्रतीक था कि महिलाओं की चेतना जागृत...
लो बीर सेन्द्रा : जयपाल सिंह मुंडा के बहुआयामी व्यक्तित्व के नए पहलुओं से पहचान कराती पुस्तक
हाल में पुनर्प्रकाशित अपने संस्मरण में जयपाल सिंह मुंडा लिखते हैं कि उन्होंने उड़ीसा के गोरूमासाहिनी एवं बदमपहर में टाटा समूह द्वारा संचालित लौह अयस्क खदानों में श्रमिकों की यूनियनें बनाईं। वहां के 90 प्रतिशत...
गिरते स्वास्थ्य के बावजूद नागपुर और चंद्रपुर के बाद बंबई में दीक्षा कार्यक्रम में भाग लेना चाहते थे बाबा साहब
बाबा साहब आंबेडकर ने अपने स्वास्थ्य को दांव पर लगा कर किताबें क्यों लिखीं? उन्होंने ऐसे अनेक कार्यक्रमों में भाग क्यों लिया जिनमें बड़ी संख्या में लोगों ने बौद्ध धर्म का वरण किया? यह इस...
वायकोम सत्याग्रह : सामाजिक अधिकारों के लिए पेरियार का निर्णायक संघर्ष
गांधी, पेरियार को भी वायकोम सत्याग्रह से दूर रखना चाहते थे। कांग्रेस गांधी के प्रभाव में थी, किंतु पेरियार का निर्णय अटल था। वे खुद को गांधी और कांग्रेस की छाया से बाहर लाने के...
बी.पी. मंडल का ऐतिहासिक संबोधन– “कोसी नदी बिहार की धरती पर स्वर्ग उतार सकती है”
औपनिवेशिक बिहार प्रांत में बाढ़ के संदर्भ में कई परामर्श कमिटियां गठित हुईं। बाढ़ सम्मलेन भी हुए। लेकिन...
जब महामना रामस्वरूप वर्मा ने अजीत सिंह को उनके बीस हजार का चेक लौटा दिया
वर्मा जी अक्सर टेलीफोन किया करते थे। जब तक मैं उन्हें हैलो कहता उसके पहले वे सिंह साहब...
जब हमीरपुर में रामस्वरूप वर्मा जी को जान से मारने की ब्राह्मण-ठाकुरों की साजिश नाकाम हुई
हमलोग वहां बस से ही गए थे। विरोधियों की योजना यह थी कि वर्मा जी जैसे ही बस...
जगजीवन राम को कैसे प्रधानमंत्री नहीं बनने दिया गया?
जयप्रकाश नारायण को संसदीय दल के नेता का चुनाव करवा देना चाहिए था। इस संबंध में प्रख्यात पत्रकार...
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