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Shrawan Deore

महाराष्ट्र को चाहिए ‘कर्पूरी ठाकुर’
आज महाराष्ट्र फुले-शाहू-आंबेडकर की भूमि नहीं रह गई है। मौजूदा एकनाथ शिंदे सरकार ओबीसी का आरक्षण लूटकर नष्ट...
क्या मराठा आरक्षण के पक्षधर होते आंबेडकर?
प्रतिनिधित्व या आरक्षण का प्रावधान कमजोरों को सशक्त बनाने व सभी को समान स्तर पर लाने के लिए...
जातिगत जनगणना से ही कायम हो सकती है जातिविहीन सामाजिक व्यवस्था
यदि 1955 में ही कालेलकर आयोग की अनुशंसाओं को लागू कर दिया गया होता, या कम-से-कम पूर्ण मंडल...
जाति की उत्पत्ति जाने बगैर उसका विनाश नामुमकिन
शशांक और पुष्यमित्र शुंग से प्रेरणा लेकर कई राज्यों में ब्राह्मण पुजारी, ब्राह्मण अधिकारी और ब्राह्मण दरबारी सिर...
बिहार जातिवार जनगणना : ‘जाति का विनाश’ के क्रांति पर्व का आगाज
महाराष्ट्र के वरिष्ठ ओबीसी विचारक व आंदोलनकर्ता प्रो. श्रावण देवरे इस आलेख शृंखला के तहत बिहार में हुए...
अपनी हिस्सेदारी कैसे खो देते हैं ओबीसी, जानें महाराष्ट्र के उदाहरण से (अंतिम भाग)
ओबीसी के विरोध में दलित नेता खड़ा करने का ब्राह्मणी षड्यंत्र तमिलनाडु में सफल नहीं हो सका, जिसकी...
Lessons from Maharashtra: How OBCs are systematically denied their stake in power
After 1990, a large number of Brahmins and Marathas suddenly started winning elections as Shiv Sena candidates. Even...
अपनी हिस्सेदारी कैसे खो देते हैं ओबीसी, जानें महाराष्ट्र के उदाहरण से
सन् 1990 के बाद अचानक अनेक ब्राह्मण व मराठा लोग शिवसेना के टिकट पर चुनकर आने लगे। गलती...
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