29 अगस्त, 1947 को संविधानसभा ने डाक्टर बीआर आम्बेडकर की अध्यक्षता में भारत के संविधान का मसविदा तैयार करने के लिए ‘ड्राफ्टिंग कमेटी’ का गठन किया। संवैधानिक सलाहकार सर एसएन राव ने अक्टूबर, 1947 में कमेटी के विचारार्थ एक मसविदा तैयार किया था। 21 फरवरी, 1948 को संशोधित मसविदा जारी किया गया, जिसके आधार पर संविधान सभा को अपना कार्य आगे बढ़ाना था।
सभा ने कई समितियों, उप समितियों और अस्थाई समितियों का गठन किया। एक समिति में तो संविधानसभा के सभी सदस्य थे! इस भूलभुलैया से संविधान के मसविदे को निकालना एक दुष्कर कार्य था। डाक्टर राजेन्द्र प्रसाद लिखते हैं कि डाक्टर आम्बेडकर ने एक कुशल पायलट की भांति संविधान के मसविदे को तूफानी हवाओं के बीच से निकाला।

अपरान्ह् 11 बजे, 9 दिसंबर 1946 : भारत की संविधानसभा का पहला दिन। बाएं से – बीआर आम्बेडकर, बीजी खेर, सरदार वल्लभ भाई पटेल व पटेल के पीछे केएम मुंशी।

भारत की मसविदा समिति : (बैठे हुए दांये से) एन माधवराव, सैयद सादुल्ला, डाक्टर आम्बेडकर (अध्यक्ष), अल्लादि कृष्णास्वामी अय्यर, सर बेनेगल नरसिंहराव (खड़े हुए दांये से) एसएन मुखर्जी, जुगल किशोर खन्ना व केवल कृष्णन (29 अगस्त 1947)।
(फारवर्ड प्रेस के फरवरी, 2014 अंक में प्रकाशित )
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